एक स्थान पर बसे लोगों को जमीन के दस्तावेज दिए जाएँ
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लंबे समय से एक ही स्थान पर बसे, सभी परिवारों को भू-खंड धारक प्रमाण पत्र दिये जाये। कोई पात्र परिवार छूटे नहीं। उन्होंने अभियान चलाकर प्रमाण-पत्र वितरण करने के निर्देश दिये। श्री चौहान मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की साधारण सभा की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री आवास मिशन के कार्यों की भी समीक्षा की।बैठक में वित्त मंत्री जयंत मलैया, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव, लोक निर्माण मंत्री सरताज सिंह, कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन, आदिम-जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ज्ञान सिंह और मुख्य सचिव अंटोनी डिसा भी उपस्थित थे।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पात्र व्यक्ति को लाभ मिले और प्रक्रिया स्पष्ट एवं सरल हों। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों की निर्धारित प्राथमिकता का कड़ाई से पालन हो। पात्र व्यक्ति को योजना का सीधा लाभ मिले। यह सुनिश्चित किया जाये कि पूर्व निर्धारित क्रम से ही हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाये। कार्य में पूर्ण पारदर्शिता बरती जाये। श्री चौहान ने कहा कि सड़कों के पर्यवेक्षण, अनुरक्षण और संधारण कार्य की नियमित निगरानी होनी चाहिए। उन्होंने व्यापारिक मार्ग की सड़कों के संधारण का कार्य पीपीपी मोड में किए जाने की जरूरत बताई।बैठक में बताया गया कि योजना में अभी तक 62 हजार किलोमीटर मार्गों का निर्माण किया गया है। इलमें से 36 हजार किलो मीटर मार्ग 5 वर्ष की संधारण अवधि के है। शेष 26 हजार किलो मीटर उत्तरवर्ती 5 वर्षों के संधारण एवं नवीनीकरण के लिए अनुबंधित है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 277 नवीन राजस्व ग्राम को जोड़ने के लिए 313 करोड़ व्यय कर 732 किलोमीटर लम्बाई के मार्ग का निर्माण किया जाएगा। इनमें से 123 गाँव को जोड़ने वाले 353 किलोमीटर लम्बे मार्ग का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। पूर्व में ग्रेवल स्तर तक स्वीकृत 315 किलो मीटर लम्बे 109 मार्गों को 91 करोड़ की लागत से डामरीकृत किया जा रहा है। कुल 14 हजार 700 किलोमीटर मार्गों को नया किया गया है। प्रदेश में कुल 52 हजार 117 गाँव में से 17 हजार 12 गाँव प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में स्वीकृत हुए थे। इन गाँव से 14 हजार 650 गाँव जोड़े जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के तहत 4 लाख 73 हजार 622 परिवारों को ऋण स्वीकृत किये गये। इनमें से 3 लाख 1,518 परिवार ने आवास पूर्ण कर लिए हैं। मिशन द्वारा आवास ऋण सीमा में वृद्धि की गई है। इकाई लागत 70 हजार से बढ़ाकर एक लाख 20 हजार रूपये हो गई है। योजना में इस वित्त वर्ष के लिए 60 करोड़ का प्रावधान है।