सरकारी अस्पताल के औषधालय में नहीं मिलती दवा
 SANJAY GHANDHI HOSPITAL

दवाई काउंटर नहीं खुलने से मरीज हो रहे परेशान

बाहर से महंगी  दवाई खरीदने को मजबूर मरीज

प्राइवेट दवाई दुकान से है सांठ गांठ  की आशंका    

 

एमपी  के सरकरी अस्पतालों के बुरे हाल हैं   | रीवा के अस्पताल में मौजूद  औषधालय  अक्सर बंद मिलते है | और अगर धोखे से खुले  मिल भी गए  तो मरीजों को दवाई मिल जाए  ऐसा संभव नहीं   |  मरीजों को मजबूरन ऊंचे दामों में दवाई बाहर से खरीदनी पड़ती है  | मरीजों को  घंटो दवाई काउंटर के बाहर खड़ा रहना पड़ता है  |  इसमें स्वाथ्य विभाग  की लापरवाही साफ़ नजर  आती है  | स्वास्थ्य मंत्री जी कुछ कीजिये कहीं ऐसा ना हो की जनता का सरकरी अस्पताल से  भरोसा ही उठ जाये  |  

मध्य प्रदेश में कहने को सरकार बदल गई  |    लेकिन इसके बावजूद रीवा स्थित  संजय गांधी अस्पताल की तस्वीर नहीं बदल पाई है   | हाल यहाँ पहले से भी बदतर होते जा रहे हैं   | ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जो इस अस्पताल में ना हो   | मगर इन पीड़ित गरीबों का सुनने वाला कोई नहीं  | संजय गांधी अस्पताल रीवा में कर्मचारियों की मनमानी के चलते दवा काउंटर अक्सर बंद मिलता है  |  यहाँ पदस्थ फार्मासिस्ट या तो मरीजों को दवाईयां नही देते   | या फिर अक्सर दवाई की दुकान बंद रखते हैं  | 

यह लंबी कतार की तस्वीरें नोटबंदी कि नहीं  |  बल्कि रीवा के  संजय गांधी अस्पताल में दवा की लाइन है  |  मरीज और उनके परिजनों को घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है   | इसके बाद भी दवा मिल जाएगी इसकी कोई गारंटी नहीं है  | मरीजों के परिजनों ने बताया की अस्पताल के कर्मचारी कभी इस काउंटर में लाइन में खड़े होने को बोलते है तो कभी दूसरे काउंटर पर |  अस्पताल में कोई ऐसा जिम्मेदार व्यक्ति नहीं है जिससे इसके बारे में बात की जा सके  | यहाँ फार्मासिस्ट की मनमानी  है  | दवाई के काउंटर में दवाई मांगने पर मरीजों से बत्तमीजी भी की जाती है | मरीज लंबी लाइनों में खड़े होने के बाद बाहर से महँगी दवाइयां लेने को मजबूर हो रहे है |  

यहाँ के हाल देखकर लगता है विंध्य इलाके के इस बाड़े अस्पताल के लोगों की बाहर की दुकानों से सांठगांठ है   |  पिछले कई दिनों से मरीज अस्पताल में इस तरह की मनमानी के चलते काफी परेशान हो चुके है | ऐसे में अगर इन पर कार्यवाई नही की गई तो ये सिस्टम को दीमक की तरह खोखला कर देंगे |  यहाँ  दवाइयों का गोरखधंधा हॉस्पिटल प्रबंधन की लापरवाही के कारण  फल फूल रहा है  |