गढढों की चेक की धड़कन चढ़ाया ग्लूकोस
सड़कों के जीवन के लिए महिलाओं ने रखा व्रत
शहर की लगभग सभी सड़के गढ्ढों में तब्दील हो चुकी हैं | ये सड़के कही सीवेज की लाईन बिछाने के नाम पर खोदी गई तो कही पानी की लाईन के लिए मगर उसे फिर से बनाना प्रसाशन भूल गया | और जब बारिश हुई तो कीचड़ और पानी से भरे गढ्ढे बचे | सड़के यमलोक सिधार गई | इसलिए लोगो ने दम तोड़ती सड़कों के गढढों की धड़कन चेक कर ग्लूकोस चढ़ाया और रही बची सड़कों के लिए महिलाओं ने उनकी जीवन की प्रार्थना कर व्रत रखा |
सड़क के गड्ढों के कारण वाहन चालकों का निकलना बहुत मुश्किल हो गया है | कई लोग गिरकर घायल हो रहे हैं | तो किसी के वहान कीचड़ में फंस जाते|इसको देखते हुए सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए बाग मुगालिया एक्सटेंशन कॉलोनी विकास समिति द्वारा | एक अनोखा प्रदर्शन किया गया | दशहरा मैदान सरिता सेतु के पास सड़क के गड्ढों की धड़कन चेक कर उपस्थित डॉक्टरों द्वारा ग्लूकोस की बोतल लगाई गई | घटिया निर्माण होने से बारिश में सड़कों के गड्ढों के कारण चलना नामुमकिन हो गया है | इसको लेकर आज महिला पुरुष वृद्ध बच्चों द्वारा उपस्थित होकर अच्छी सड़कों की मांग सरकार से की गई भ्रष्टाचार के कारण हर दो-तीन महीने में सड़क खराब हो जाती है इसका खामियाजा टैक्स देने वाली जनता को भुगतना पड़ता है | प्रसाषन की आंखे खोलने और बची हुई सड़कों की लम्बी जिंदगी के लिए महिलाओं ने व्रत भी रखा |