महिला ने लिखा राष्ट्रपति को पात्र मांगी इच्छामृत्यु
 RASHTRAPATI

विभाग के अधिकाकियों  कर्मचारियों से हैं प्रताड़ित 

 

अपने ही विभाग के अधिकारीयों और कर्मचारियों की प्रताड़ना से तंग आकर  | एक महिला ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी हैं | अपने हक़ के लिए पिछले दो सालों से लड़ रही महिला को जब हर स्तर से असफलता मिली तो उसने थक कर प्राण त्यागने की बात कही हैं   | मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी पीड़िता ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि  | प्रदेश के सिवनी जिले में निवासरत मैं भी आपकी आदिवासी बेटी हूं और दो सालों से न्याय के लिए तरस रही हूं।

आपको बताते हैं की क्या है पूरा मामला    |  कामकाजी महिला कर्मचारियों के साथ हो रहे अत्याचार और उत्पीड़न को उजागर करने वाला यह शर्मनाक मामला आदिम जाति कल्याण विभाग सिवनी का है   \"|  जिसमे एक पीड़िता ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है  | 

राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु के लिए पत्र लिखने का मामला सामने आने के बाद आदिम जाति कल्याण विभाग में हड़कंप मचा हुआ है   | और मामले को दबने के प्रयास किए जा रहे हैं  |  पीड़ित महिला कर्मचारी ने ट्वीटर में भी इस मामले को सार्वजनिक किया है   | जो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है  | मामला सामने आने के बाद सहायक आयुक्त पर सवाल उठ रहे हैं  | 

राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र के मुताबिक पीड़ित महिला कर्मचारी की अनुकंपा नियुक्ति सहायक ग्रेड तीन के पद पर हुई थी   |  9 सितम्बर 2017 को विभाग में ही पदस्थ सहायक ग्रेड तीन कर्मचारी सुधीर राजनेगी ने महिला कर्मचारी के शासकीय आवास में घुसकर महिला के साथ छेड़खानी, अभद्रता की और जान से मारने की धमकी दी  |  जिसके बाद पीड़ित महिला कर्मचारी ने कोतवाली में मामला दर्ज करवाया और सहायक आयुक्त सतेंद्र मरकाम से शिकायत कर कर्मचारी सुधीर राजनेगी के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की  |   लेकिन आज तक उक्त कर्मचारी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। बल्कि, उल्टे उसकी पोस्टिंग भी महिला कर्मचारी के नजदीकी कार्यस्थल पर कर दी गई  |  

 पीड़ित महिला का आरोप हैं  कि सहायक आयुक्त अपनी पहुंच का उपयोग करते हुए इस मामले को दबा रहे हैं  | उन्होंने मामले को दबाने और साक्ष्य खत्म करने के लिए मेरा तबादला जानबूझकर घंसौर कर दिया है  | जो गलत है |  मैंने इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों, कलेक्टर सहित जिले के प्रभारी मंत्री से भी की, लेकिन आज तक मुझे न्याय नहीं मिला |   लिहाजा मुझे राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु मांगनी पड़ रही है  |  प्रदेश के |