मंतूराम का पूर्व मुख्यमंत्री मंत्री,और विधायक पर आरोप
 AATANK GADH TEAPKAND

साढ़े सात करोड़ में उप चुनाव ना लड़ने की हुई थी डील

नहीं मिला पैसा  सुरक्षा के चलते लिया था नाम वापस  

 

अंतागढ़ टेपकांड में अपने धमाकेदार खुलासे से छत्तीसगढ़ की सियासत को हिला देने वाले  भाजपा नेता मंतूराम पवार ने एक और बेहद चौकाने वाला खुलासा किया है  | धारा 164 में बयान दर्ज कराते हुए पवार ने मजिस्ट्रेट के सामने कहा की | उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में नाम वापस लेने के लिए साढ़े सात करोड़ की डील हुई थी  | पवार ने इस मामले में  पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत और पूर्व विधायक अमित जोगी का नाम लिया | 

छत्तीसगढ़ के चर्चित अंतागढ़ टेपकांड को लेकर मंतूराम पवार ने मजिस्ट्रेट नीरज श्रीवास्तव के सामने अपना बयान दर्ज कराया  | मंतूराम ने कहा कि अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में नाम वापस लेने के लिए साढ़े सात करोड़ की डील हुई | मंतूराम ने इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पूर्व मंत्री  राजेश मूणत और अमित जोगी का नाम लिया |  पवार ने  कोर्ट को बताया कि इन नेताओं से फोन पर फिरोज सिद्धिकी और अमीन मेमन ने बात कराई  | अंतागढ़ उपचुनाव मैदान से हटने को लेकर उन पर बेहद दबाव था   | अपनी सुरक्षा को देखते हुए उन्होंने हटने का फैसला किया  |  उपचुनाव के लिए साढ़े सात करोड़ की जो डील हुई, उसमें से एक भी पैसा उनको नहीं मिला  |  मंतूराम ने कहा कि फिरोज सिद्धिकी ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से फोन पर कथित रूप से बात कराई  |  तब  रमन अपनी पत्नी के इलाज के लिए देश से बाहर थे  | 

 मंतूराम ने कोर्ट में बताया कि फिरोज सिद्धिकी ने उनसे कहा कि अजीत जोगी, अमित जोगी और डॉ रमन सिंह चाहते हैं कि वे चुनाव मैदान छोड़ दें  |  यदि चुनाव मैदान से नहीं हटोगे तो  भूपेश बघेल का कद बढ़ेगा  | मंतूराम ने कोर्ट में बताया कि फिरोज और अमीन ने पूर्व मंत्री राजेश मूणत के बंगले ले जाकर सात लाख लेने का प्रलोभन दिया  |  मुझे पैसे का लालच नहीं था, सिर्फ जान की सुरक्षा के कारण दबाव में था |  गौर तालाब है की 2013 में अंतागढ़ विधानसभा सीट से भाजपा के विक्रम उसेंडी ने  कांकेर सीट से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद  |  विधानसभा से इस्तीफा दे दिया |  इसके बाद हुए उप चुनाव में कांग्रेस ने मंगतू राम पवार को प्रत्याशी बनाया  |   एन वक्त पर मंगतूराम ने  नाम वापस ले लिया   |  इस घटना के करीब एक वर्ष बाद 2015 में एक ऑडियो टेप वायरल हुआ, जिसके आधार पर मंगतूराम पर पैसे लेकर नाम वापस लेने का आरोप लगा  | इसकी जांच भी हुई, लेकिन वह किसी अंजाम तक नहीं पहुंच सकी  |