आदिवासियों की गरीबी दूर करेगा कड़कनाथ
 CG KADAKNATH

2020 तक एक लाख चूजे मुफ्त बांटे जायेंगे

 

काला कड़कनाथ छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की गरीबी दूर कर सकता है   | छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय ने 2020 तक एक लाख चूजे मुफ्त वितरण करने का लक्ष्य रखा है | भारतीय कृषि अनुसंधान  की पोषित आदिवासी परियोजना के तहत इसक वितरण होगा  | परियोजना का एक मात्र उद्देश्य आदिवासियों, ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों और स्व सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करना है  | 

देवी स्व सहायता समूह की 50 आदिवासी महिलाओं को कुक्कुट आहार, मुर्गी दाना, पानी के बर्तन, दवा का वितरण किया गया था  | यह कड़कनाथ का पालन वृहद रूप ले चुका है  | इन्हें इसका लाभ मिलना शुरू हो गया है  | वैज्ञानिकों के अनुसार अंचल के मौसम में कड़कनाथ में पूरी तरह सरवाइव करने की क्षमता है  | लक्ष्य के आधार पर किसानों को चूजे देने के लिए  हेचरी मशीन लगाई गई है  |  इसमें अंडों से चूजे तैयार किये जाते हैं  |  हर आदिवासी को पांच चूजे दिये जायेंगे | दरअसल कड़कनाथ मुर्गी अंडे देने के बाद उसे सेती नहीं है  |  इससे चूजे तैयार नहीं हो पाते |   मशीन से लगभग 21 दिन में अंडे से चूजे तैयार होते हैं    मध्यप्रदेश के झबुआ सहित प्रदेश के कई स्थानों पर कड़कनाथ का पालन कर किसानों ने आमदनी बढ़ाई है | 

 कड़कनाथ अन्य मुर्गे की तुलना में तिगुने दाम में बिकता है  |  इसकी कीमत 600 से 700 रुपये प्रति किलो है  |