विपक्ष के विरोध पर बढ़ाया गया मुआवजा
गणेश विसर्जन के दौरान हुए हादसे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने सरकार से मांग की कि हादसे में जान गंवाने वाले युवाओं के परिजनों को पच्चीस -पच्चीस लाख रुपये मुआवजा और उनके किसी एक परिजन को सरकारी नौकरी दी जाए | इस के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुआवजे की रकम को चार लाख से बढाकर ग्यारह लाख किया | भोपाल के खटलापुरा में नाव डूबने के हादसे में युवाओं की मौत ने सभी को दहला दिया है | इस हादसे के बाद से ही मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और वो दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं | हादसे के फौरन बाद मृतकों के परिजनों से मिलने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहुंचे | लोग उनसे लिपटकर रोने लगे | शिवराज सिंह ने कहा ये ये आरोप-प्रत्यारोप का वक्त नहीं है | लेकिन प्रशासन को इस बात की जानकारी होना चाहिए थी कि विसर्जन के दिन घाट पर भारी भीड़ होती है | इस दुर्घटना के लिए केवल बच्चे जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि प्रशासन की जिम्मेदारी भी बनती है | ये आपराधिक लापरवाही का मामला है | ऐसे में मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजे के साथ आश्रित को सरकारी नौकरी देनी चाहिए | शिवराज सिंह के अलावा भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने भी इसे लापरवाही मानते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है | उन्होंने चेतावनी दी थी कि, अगर मृतकों के परिजनों की मांगें पूरी नहीं हुई तो वो आंदोलन छेड़ देंगी | वहीं भाजपा विधायक विश्वास सारंग ने भी इसी बात को दोहराते हुए कहा था कि, \"मुआवजे की राशि कम है | जहां प्रदेश सरकार मंत्रियों के बंगलों पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है | उसे गरीबों को 25 लाख का मुआवजा देने में इतनी देरी क्यों हो रही है | इसके फौरन बाद प्रदेश सरकार हरकत में आई और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मृतकों के लिए पहले से घोषित 4-4 लाख मुआवजे की राशि को बढ़ाकर 11 लाख कर दिया | इस बीच कलेक्टर और डीआईजी मृतकों के परिजनों से मिलने पिपलानी स्थित उनके घर पहुंचे हैं | उन्होंने बताया कि अब तक इस मामले में दो नाविकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है |