देश के प्रख्यात कवि माणिक वर्मा का निधन
 KAVI MADIK VARMA

अपने व्यंगों से धूम मचाते थे माणिक वर्मा

 

अपने चुटीले व्यंगों से धूम मचाने वाले देश के प्रख्यात कवि माणिक वर्मा का इंदौर में निधन को गया   | मूलतः मध्यप्रदेश के हरदा के रहने वाले माणिक वर्मा ने मंगलवार सुबह अंतिम संसा ली  | 

देश के प्रख्यात कवि माणिक वर्मा का मंगलवार सुबह इंदौर में निधन हो गया  | सुबह जब परिवार के लोग उन्हें जगाने के लिए पहुंचे तब पता चला कि वे नहीं रहे   |  हरदा निवासी माणिक वर्मा  पिछले कुछ समय से वे इंदौर में ही परिवार के साथ रह रहे थे |   तबीयत खराब होने के बाद भी कविताओं को लेकर वो लगातार सक्रिय बने रहे  |  माणिक वर्मा जी अपने व्यंगों के जरिए हमेशा मंचों की शान रहे  | कुछ समय पहले ही उन्होंने राइटर्स क्लब के मंच पर कविता पाठ  किया था   माणिक वर्मा की हास्य कविताओं में छिपे व्यंग करारी चोट करते थे  उनकी प्रमुख रचनाओं में  से एक  \'\'मांगीलाल और मैने \'\'  के लोग खासे दीवाने थे  | उनके व्यंग हिला के रख देते थे  | सब्जी वाला हमें मास्टर समझता है  |  धनिया लोगे एक रूपये रत्ती | जैसी उनकी रचनाएँ हमेशा साहित्य रसिकों को उनकी याद दिलाते रहेंगे  |