अति वर्षा से हुए नुकसान से अवगत कराया
मुख्यमंत्री कमल नाथ से आज यहाँ मंत्रालय में प्रदेश के अति वर्षा और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का आकलन करने आये केन्द्रीय अध्ययन दल ने मुलाकात की और उन्हें प्रारंभिक नुकसान की स्थिति की जानकारी दी। अध्ययन दल अगले हफ्ते तक नुकसान की प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार कर लेगा । राज्य की ओर से सहायता के लिये मेमोरेंडम मिलने के बाद अंतिम रिपोर्ट तैयार होगी ।
मुख्यमंत्री ने अध्ययन दल को बताया कि विन्ध्य क्षेत्र को छोड़कर पूरे प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षा रुकने के बाद स्वास्थ्य सबंधी गतिविधियों को भी तत्काल संचालित करने की जरुरत होगी। उन्होंने कहा वे स्वयं भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लेंगे।
अध्ययन दल ने मुख्यमंत्री को बताया कि नुकसान के अध्ययन के लिये तीन दल बनाये गये थे। तीनों दलों ने मंदसौर, आगर मालवा, रायसेन, राजगढ़, विदिशा जिलों के अति वर्षा से प्रभावित गाँवों का दौरा कर नुकसान का आकलन किया। आकलन के अनुसार सोयाबीन और उड़द की फसलों को ज्यादा नुकसान हुआ है। कच्चे मकान बह गये हैं। रपटे, छोटे पुल, पुलिया बह गई है और कई गाँव मुख्य सड़कों से कट गए हैं। आवागमन बेहद प्रभावित हुआ है।
केन्द्रीय दल में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण नई दिल्ली के संयुक्त सचिव संदीप पौण्डरिक, ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के उप सचिव के.एम. सिंह, जल संसाधन मंत्रालय के संचालक मनोज पोनीकर, कृषि मंत्रालय के संचालक डॉ. ए.के. तिवारी, वित्त मंत्रालय के संचालक अमरनाथ सिंह तथा ऊर्जा मंत्रालय के सहायक संचालक श्री सुमित गोयल शामिल थे।
मुख्य सचिव एस.आर. मोहन्ती, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी उपस्थित थे।