परेशान महिला की नहीं सुनी एसडीएम ने
पांच बच्चियां हुईं तो महिला को घर से निकाला
कमलनाथ सरकार का अहंकारी अधिकारी
हुक्मरानों आपके सुशासन में | पांच बच्चियां होने पर एक महिला को परिवार वालों ने मारपीट कर बच्चियों सहित घर से निकाल दिया | पीड़ित महिला जब अपनी शिकायत लेकर एडीएम के पास पहुँची तो एसडीएम ने उसका आवेदन लेने से ही इंकार कर दिया | महिला एसडीएम के आगे पीछे घूमती रही लेकिन प्रशासन ने उसकी एक नहीं सुनीं | हालाँकि पुलिस ने महिला की शिकायत पर कार्यवाही का आश्वासन जरूर दिया है |
दुनिया चांद पर पहुंच रही है ,लेकिन आज भी बेटियां होना लोगों को खलता है | एक के बाद एक पांच बेटियां होने पर एक परिवार ने अपनी बहु के साथ जमकर मारपीट की और पांचों छोटी छोटी बच्चियों के साथ उसे घर से निकाल दिया | बेटियां होने पर ऐसी सजा किसी को भी परेशानी में डाल सकती है ... इस मामले में हद तो तब हो गई जब पीड़ित महिला न्याय की आस लेकर एसडीएम अशोक तिवारी के पास गई तो पद के अहम् से भरे अधिकारी ने उससे आवेदन लेना तक उचित नहीं समझा | मध्यप्रदेश सरकार महिलाओं के लिए बातें तो बड़ी बड़ी करती है लेकिन उसके अधिकारी महिलाओं की शिकायत तक सुनना मुनासिब नहीं समझते | पीड़ित महिला अपनी बच्चियों को लेकर एसडीएम के आगे पीछे मिन्नतें करती रही लेकिन एसडीएम साहब का कलेजा नहीं पसीजा | एसडीएम साहब के लिए ये कोई बड़ा मामला था नहीं | इस गरीब महिला के लिए किसी नेता ने भी फोन नहीं किया था | इसलिए उन्होंने पीड़िता की कोई सुनवाई नहीं की | इस दुखियारी महिला और उसका साथ देने आये वकील की बातों का कमलनाथ सरकार के इस अधिकारी पर कोई असर नहीं पड़ा |
पीड़ित महिला फौरी तौर पर अपने और पांच बच्चियों के लिए प्रशासन से कुछ राहत चाहती थी | लेकिन प्रशासन के लापरवाह रवैये से लगा की सम्माज की तरह एसडीएम और प्रशासन भी इस स्त्री -पुरुष में भेद करके चल रहा है | नौगांव थाने के लहरापुरवा की महिला मनोज की शादी हरिलाल से बारह साल पहले हुई थी ,शादी के बाद उसकी एक एक कर पांच बेटियां पैदा हुई ,लेकिन लड़का नही हुआ ,जिस वजह से उसे पांच मासूम बेटियो सहित घर से यह कहकर निकाल दिया ,कि उससे बेटा पैदा नही हो रहा है | इस वजह से उसके पति की दूसरी शादी करना है ... महिला अपनी पीड़ा लेकर जान सुनवाई में पहुंची थी जहाँ उसे मदद तो नहीं मिली एक अधिकारी ने उसका तमाशा जरूर बना दिया | प्रशासन से थक हार के परेशान महिला ने पुलिस के अधिकारीयों को अपनी पीडा सुनाई | तब एडिशनल एस पी ने पीड़ित महिला की फ़रियाद सुनी और उसे न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया |