बाजवा ने ली बैठक इमरान नदारद
पाकिस्तान में एक बार फिर तख्तापलट होने जा रहा है? इसकी आशंका इसलिए उठी है, क्योंकि हाल ही में बिजनेस लीडर्स की एक बड़ी बैठक को सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने संबोधित किया, लेकिन प्रधानमंत्री इमरान खान इस महत्वपूर्ण बैठक से नदारत रहे | इससे एक दिन पहले ही बाजवा ने पाकिस्तान में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की सुरक्षा करने वाली सेना की टुकड़ी की छुट्टियां रद्द कर दीं | जो सुरक्षाकर्मी छुट्टी पर थे, उन्हें तत्काल ड्यूटी पर लौटने को कहा गया है | अब से पहले पाकिस्तान में चार बार तख्ता पलट हो चुका है, जिसमें से दो बार में इसी 111वीं इन्फैंट्री ब्रिगेड के जवानों की मदद ली गई थी | सेना की इस टुकड़ी को \"coup brigade\" भी कहा जाता है |
इमरान खान ऊपरी तौर पर जो भी दिखावा करें, लेकिन महंगाई के मसले पर उनकी नाकामी के खिलाफ पाकिस्तान में गुस्सा है | पाकिस्तान में इससे पहले 1958, 1969, 1977 और 1999 में सेना प्रमुखों ने लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंका था | अब फिर पकिस्तान में वैसे ही हालात हैं | बिजनेस लीडर्स की एक बड़ी बैठक को सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने संबोधित किया, इससे समझ लेना चाहिए इमरान खान के हाथ से चीजें फिसलती जा रही हैं | प्रधानमंत्री इमरान खान इस महत्वपूर्ण बैठक से क्यों नदारत रहे | इसका जवाब पकिस्तान की अवाम सरकार से मांग रही है लेकिन कोई कुछ बताने को तैयार नहीं हैं | .पकिस्तान की 111वीं इन्फैंट्री ब्रिगेड की मदद से अयूब खान ने 1958 में राष्ट्रपति इस्कंदर मिर्जा को पद से हटा दिया था | इसके 21 साल बाद जिया-उल-हक ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को हटाया था | पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के लिए कहा जाता है कि उसे सेना का समर्थन हासिल है | इमरान खान के पीएम की कुर्सी तक पहुंचने में सेना की अहम भूमिका रही है | लेकिन भारत में मोदी सरकार द्वारा कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद इमरान खान कुछ नहीं कर सके | उन्होंने दुनिया से गुहार लगाई, लेकिन कोई समर्थन नहीं मिला इमरान खान ने बीते दिनों संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था, जिसमें भी वे परमाणु हमले की धमकी देकर आए, लेकिन किसी देश ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया | माना जा रहा है पकिस्तान अपना इतिहास दोहराते हुए एक बार फिर तख्ता पलट की और बढ़ रहा है |