दस लाख ट्रकों-डंपरों के पहिए थमे
मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार की वादा खिलाफी और पेट्रोलियम पदार्थो की मूलयवृद्धि के खिलाफ प्रदेश के ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर चले गए हैं | . इससे प्रतिदिन करोड़ों का कारोबार प्रभावित हो रहा है | इस हड़ताल के चलते साढे दस लाख से ज्यादा ट्रकों और डम्परों के पहिये थम गए हैं |
डीजल की कीमतों को कम करने और टैक्स घटाने सहित पांच सूत्रीय मांग को लेकर राजधानी सहित प्रदेश भर के ट्रांसपोर्टरों ने शनिवार से हड़ताल शुरू कर दी है | 24 घंटे में ही भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर सहित सभी जिलों में हड़ताल का असर दिखन शुरू हो गया है | ट्रांसपोर्टर कमलनाथ सरकार की वादा खिलाफी से खासे नाराज हैं | करीब 70 प्रतिशत ट्रांसपोर्टरों ने छोटे व बड़े ट्रकों,डंपर,टैंकर खड़े कर दिए | 30 प्रतिशत ऐसे ट्रक चले जो प्रदेश से बाहर के हैं | दो से तीन दिन में बाकी 30 प्रतिशत वाहनों के पहिए भी थम जाएंगे | . ट्रांसपोर्टरों ने हड़ताल के पहले दिन करीब 200 करोड़ रूपये का नुकसान होने का दावा किया है | ट्रांसपोर्टरों के मुताबिक प्रदेश में करीब 15 लाख मझौले व बड़े ट्रक,डंपर व टैंकर हैं | इनमें 10.5 लाख मालवाहक वाहन नहीं चले | मध्यप्रदेश ट्रक ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ व परिवहन विभाग के आला अधिकारियों से मिलने पर भी हमारी मांगें नहीं मानीं गईं | जिस कारण ट्रकों को खड़ा कर अनिश्चितकालीन समय के लिए हड़ताल शुरू कर दी है | करीब 15 ट्रांसपोर्टर परिवहन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह से मिलने गए थे, लेकिन उन्होंने कहा कि पेट्रोल- डीजल पर बढ़ाया गया 5 प्रतिशत वैट का फैसला कैबिनेट में लिया गया है, इसलिए बढ़े पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई कमी नहीं की जा सकती | एसोसिएशन ने दावा किया है कि दूसरे प्रदेशों से इंदौर में माल लेकर कोई ट्रक नहीं आया है | सोमवार से मध्यप्रदेश से होकर गुजरने वाले ट्रकों पर भी रोक लगाई जाएगी | हड़ताल से डिलिवरी नहीं दे पाने के कारण ई कॉमर्स वेबसाइट ने 140 करोड़ के ऑर्डर रद्द कर दिए हैं | एसोसिएशन ऑफ पार्सल ट्रांसपोर्ट एंड फ्लीट कैरियर के प्रवक्ता प्रवीण अग्रवाल के मुताबिक दूसरे प्रदेश से आने वाले किराना और दूसरे सामान के ट्रकों को अनलोड नहीं करने की घोषणा हमने पहले ही कर दी थी |