दल-बदल रोकने के लिए भी सरकार लाए अध्यादेश
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कमलनाथ सरकार को भयग्रस्त सरकार बताते हुए कहा कि प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में बदलाव के लिए लाए गए अध्यादेश से | पार्षदों की ख़रीद-फरोख्त बढ़ेगी | ख़रीद-फरोख्त रोकने के लिए सरकार को नगरीय निकायों में भी दल बदल कानून लागू करना चाहिए ... इसके लिए सरकार अध्यादेश लाए |
नगरीय निकाय चुनाव में महापौर का प्रत्यक्ष चुनाव ना कराने का मामला गर्माता जा रहा है | नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा की | इस निर्णय से लोकप्रिय जनसेवक अपने अधिकारों से वंचित हो जायेंगे | सरकार के इस अध्यादेश के लागू होने से लोकप्रिय और आर्थिक रुप से कमजोर लोग | जो वर्षों से राजनीति के क्षेत्र में जनसेवा कर रहे है | वे अब सरकार के इस अध्यादेश से अपने अधिकार से वंचित हो जाएंगे | भार्गव ने कहा कि मध्य प्रदेश ही ऐसा राज्य है | जहां पर जनता से सीधे अध्यक्ष और महापौर चुनने की व्यवस्था है और इसके साथ ही अगर चुना हुआ जनप्रतिनिधि भ्रष्ट, निकम्मा और अलोकप्रिय हो तो उसे वापिस बुलाने का अधिकार , राइट टू रिकॉल भी भाजपा शासन में लागू हुआ | इस अध्यादेश से जनप्रतिनिधियों में निरंकुशता बढ़ेगी, क्योंकि एक ओर चुने गए जनप्रतिनिधी मनमानी करेंगे |
भार्गव कहा कि यह अध्यादेश एक अलोकप्रिय और जनाधार विहीन भयग्रस्त सरकार के द्वारा लाया अध्यादेश हैं | इससे प्रदेश के नगर अब विकास की दौड़ में पिछड़ जाएंगे | सरकार धनबल, बाहुबल ओर सत्ताबल के आधार पर गिने-चुनें पार्षदों को प्रभावित करेगी | आम मतदाता की आवाज का कोई महत्व नही होगा | उन्होंने कहा कि इस अध्यादेश के लागू होने के बाद ही तत्काल लोग अभी से पार्षदों को प्रभावित करने के हथकंडे अपनाने लगे है |