मछली बदल रही है तक़दीर
ऋषम जैनअशोक नगर जिले के रामनगर गाँव के 30 लोगों के आर्थिक हालात स्वयं के अथक प्रयास, मेहनत, कार्य करने के जुनून और वाटर रिस्ट्रक्चरिंग प्रोजेक्ट से मिली मदद से बदल गये हैं।आज से पाँच साल पहले गाँव के 30 लोगों ने इंदिरा मछुआ सहकारी समिति बनाई। समिति ने जनपद पंचायत चंदेरी में पंजीयन करवाकर रुपये 7,950 की राशि से लीज पर जलाशय लिया। समिति सदस्यों की लगन के दृष्टिगत विश्व बैंक परियोजना द्वारा वर्ष 2011-12 में फसला जाल, नॉव, इन्सुलेटेड बॉक्स, तराजू सेट मत्स्य-बीज फिंगरलिंग परिवहन सहित रुपये 1 लाख 70 हजार से ज्यादा की सहायता दी गई।समिति ने विश्व बैंक परियोजना से सहायता मिलने के बाद पहले दो साल तक 3900 मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन कर 2 लाख 54 हजर का शुद्ध लाभ प्राप्त किया। वर्ष 2012 में जलाशय से 5600 मीट्रिक टन मत्स्य-उत्पादन कर 3 लाख 36 हजार की आय प्राप्त की गई। रामनगर जलाशय से सामान्यत: प्रति हेक्टेयर 63 किलोग्राम मत्स्य-उत्पादन होता था। अब प्रति हेक्टेयर 91 किलोग्राम उत्पादन होने लगा है। समिति ने वर्ष 2012-13 में 80 हजार फिंगरलिंग संचयन किया जिससे 135 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर उत्पादन हुआ। समिति के सदस्यों की आर्थिक स्थिति बदललने से उन्होंने अपने मकान बना लिये हैं तो कई सदस्य अपने बच्चों को अच्छी तालीम भी दिला पा रहे है।