झीरम घाटी कांड लखमा की भूमिका की जाँच हो
 KAWASI LAKHMA

गवाह बोले-सुपारी किलिंग हो सकती है झीरम घटना

 

झीरम घाटी हत्याकांड मामले में जांच आयोग के समक्ष चश्मदीद गवाहों ने हाजरी दी  |  कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश प्रवक्ता शैलेश नितिन त्रिवेदी के साथ ही स्वतंत्र गवाह शिव नारायण ने अपने बयान दर्ज कराए  |  शिव नारायण ने शपथ पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह घटना सुपारी किलिंग की घटना हो सकती है  | इस  मामले में कांग्रेस नेता और वर्तमान में आबकारी मंत्री कवासी लखमा की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए  | 

झीरम घाटी काण्ड में जांच आयोग के सामने चश्मदीद  शिव नारायण ने  शपथ पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि हमले के समय लखमा ने वाहन से उतर कर नक्सलियों को अपना परीचय देते हुए कहा कि मैं लखमा हूं  |   इसके बाद नक्सलियों ने फायरिंग बंद कर दी  |  इसके तुरंत बाद नक्सली कांग्रेस नेता नंदकुमार पटेल, दिनेश पटेल, वाहन चालक व कवासी लखमा को लेकर जंगल के अंदर गए  | कुछ देर बाद लखमा और वाहन चालक को छोड़ दिया  

| उसके बाद नक्सलियों ने जंगल के अंदर ही नंदकुमार पटेल उनके पुत्र की हत्या गोली मारकर हत्या कर दी थी  | शिव नारायण ने कहा कि जंगल के अंदर नक्सलियों और कवासी लखमा के बीच क्या बात हुई, इसकी जांच होनी चाहिए |   यह सुपारी किलिंग का मामला हो सकता है  |  इसके अलावा कांग्रेस के प्रवक्ता शैलेश नितिन त्रिवेदी, भिलाई के महापौर देवेंद्र यादव का भी प्रति परीक्षण किया गया  | 

25 मई, 2013 को बस्तर के झीरम घाटी में कांग्रेस की एक राजनीतिक रैली पर नक्सलवादियों ने  हमला किया था |   इस हमले में पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ला, प्रदेश के पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद महेंद्र कर्मा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल और पूर्व विधायक उदय मुदलियार सहित कुल 29 लोग मारे गए थे  आजाद भारत के इतिहास में यह दूसरा सबसे बड़ा  नक्सलवादी  हमला था और राजनेताओं की हत्या की दृष्टि से यह सबसे बड़ी वारदात थी  | इस बड़ी वारदात के पीछे की साजिश को लेकर आज भी रहस्य बरकरार हैं   |