देश-दुनिया में शिक्षा की गुणवत्ता का उदाहरण मध्यप्रदेश के रूप में दिया जाये
छठवाँ वेतनमान मिलने पर अध्यापकों ने किया मुख्यमंत्री का सम्मान मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के शिक्षकों से अपील की है कि वे समर्पित भाव से कार्य कर प्रदेश की जनता को आश्वस्त करें कि अधिकार मिलने पर वे कर्त्तव्यों से विमुख नहीं होंगे। शिक्षण की ऐसी व्यवस्था कायम करें कि देश-दुनिया में शिक्षा की गुणवत्ता का उदाहरण मध्यप्रदेश के रूप में दिया जाये। उन्होंने कहा कि सरकार और शिक्षक एकमेव हो जायें। शिक्षक पढ़ाई की चिंता करें। सरकार उनकी चिंता करेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज अध्यापक संवर्ग को जनवरी 2016 से छठवाँ वेतनमान देने की घोषणा पर मुख्यमंत्री निवास में आभार जताने आये शिक्षकों के विशाल समूह को संबोधित कर रहे थे।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों को पूरा सम्मान और हक मिलेगा। शिक्षकों की तुलना अन्य शासकीय कर्मचारियों के साथ नहीं हो सकती। अन्य कर्मचारी की त्रुटि से एक कार्य खराब होता है जबकि शिक्षक की गलती से पूरी पीढ़ी बर्बाद हो जाती है। उन्होंने कहा कि कोई भी देश-प्रदेश ईंट-गारे से नहीं, वहाँ के नागरिकों से बनता है। जिस राज्य के नागरिक स्वस्थ और शिक्षित होते हैं, वही राज्य मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि सरकार और शिक्षकों के बीच सीधा संबंध बनाया जायेगा। शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिये हर चार माह में चर्चा की व्यवस्था की जायेगी। शिक्षा की गुणवत्ता पर विचार के लिये सम्मेलन किया जायेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों के बिना मध्यप्रदेश का निर्माण नहीं हो सकता। गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के बच्चों के भविष्य निर्माण का कार्य सरकारी स्कूल के शिक्षकों का है। उन्होंने यह कार्य करके दिखाया भी है। सरकारी स्कूलों के अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के 140 बच्चे आई.आई.टी. और अन्य प्रतिष्ठित राष्ट्रीय शिक्षण संस्थाओं में चयनित हुए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के साथ उनका आत्मीय संबंध है। जब वे सरकार में नहीं थे तब से ही उन्होंने शिक्षाकर्मी व्यवस्था को ऐतिहासिक भूल माना था। वह व्यवस्था पैसा बचाने का तरीका थी, जिसने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया था। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी निर्माण में पैसों की कटौती नहीं की जानी चाहिए। इसीलिये उन्होंने कर्मी कल्चर को समाप्त करने, अध्यापक संवर्ग बनाने, सेवा शर्तों में सुधार और मानदेय, वेतन बढ़ाने की स्थाई व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि शिक्षक प्रसन्न रहें और मन लगाकर पढ़ायें। मध्यप्रदेश को दुनिया का अव्वल राज्य बनायें।गौ-संवर्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष श्री शिव चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शिक्षकों के प्रति सहृदयता और सम्मान का जो भाव प्रदर्शित किया है, उससे शिक्षक समुदाय अभिभूत है।