100 शौचालयों का निर्माण कर चुके दिलीप सिंह मालविया
PM- नरेंद्र मोदी ने मन की बात में कहा ह्रदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं, अभिनन्दन करता हूं।'मुख्यमंत्री ने भी दी बुजुर्ग कारीगर दिलीप सिंह मालवीय को बधाई मन की बात के 15वें संस्करण में रविवार को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीहोर जिले के दिलीप सिंह मालवीय की दिल खोलकर तारीफ कर रहे थे, तब उनके एक हजार किमी दूर बैठे दिलीप सिंह इसी कोशिश में लगे थे कि कैसे गांव के हर घर में शौचालय का निर्माण करवा दिया जाए।सीहोर जिले के भोजपुरा गांव में रहने वाले दिलीप सिंह पेशे से मजदूर हैं, लेकिन शौचालय बनाने के लिए वे किसी से पैसा नहीं लेते। दिलीप सिंह ने बताया कि गांव के ज्यादातर घरों में शौचालय नहीं थे, जिससे महिलाओं और बच्चों को परेशानी तो होती ही थी, बीमारी भी फैल रही थी। गांव के हर घर के लोगों को शौचालय बनाने के लिए समझाया।दिलीप सिंह बताते हैं कि जब लोगों को शौचालय की आवश्यकता समझाई, तो कुछ लोगों ने उधार लेकर बिल्डिंग मटेरियल मंगवाया, तो कुछ लोगों के घर का सामान बेचकर सामान इकट्ठा किया। इस मुहिम में पूरा गांव जुड़ा हुआ है। हमारा पूरा गांव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी है, जिन्हें हमारा काम पसंद आया।नरेंद्र मोदी ने मन की बात में कहा, 'मध्य प्रदेश के भोजपुरा गांव में एक कारीगर दिलीप सिंह मालविया ने एक अनूठा काम किया है। उन्होंने तय किया कि अगर कोई मटेरियल प्रोवाइड करता है तो शौचालय बनाने की मज़दूरी वो नहीं लेंगे। 100 शौचालयों का निर्माण कर चुके हैं। मैं दिलीप सिंह मालविया को ह्रदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं, अभिनन्दन करता हूं।'मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर जिले की इछावर तहसील के भोजपुरा गाँव में एक बुज़ुर्ग निर्माण कारीगर दिलीपसिंह मालवीय द्वारा बगैर मेहनताना लिये शौचालय बनाने के काम की सराहना करते हुए उन्हें बधाई पत्र भेजा है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 'मन की बात' में श्री दिलीप सिंह मालवीय का उल्लेख करते हुए उनके काम को पवित्र और अनूठा बताया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बधाई पत्र में कहा कि दिलीप सिंह मालवीय ने स्व-प्रेरणा से स्वच्छता अभियान में योगदान देकर यह साबित किया है कि सरकार और समाज अगर कदम से कदम मिला कर चलें तो सामाजिक परिवर्तन के नये कीर्तिमान गढ़ सकते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि दिलीप सिंह मालवीय की पहल से विकास का जज्बा रखने वाले समाज के अन्य सदस्यों को भी प्रेरणा मिलेगी।