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शुरू हुई श्मशान से मकान की कवायद
दखल न्यूज़ की खबर का असर सामने आया है | मुख्यमंत्री कमलनाथ के राज में कैसे एक पीड़ित आदिवासी को श्मशान में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा जब इसका खुलासा हुआ तो सरकार हरकत में आई और उस गरीब आदिवासी की सुध ली |
सागर के कुड़ारी तहसील के रामरतन आदिवासी का मकान बारिश में गिर गया था | जिसके बाद उसकी शासन ने कोई मदद नहीं की | जिसके बाद वो अपने मासूम बच्चे के साथ शमशान घाट में रहने के लिए मजबूर हुआ .| रामरतन की कहानी दखल पर दिखाए जाने के बाद | सरकार ने उसकी मदद करने के लिए सागर प्रशासन को ताकीद किया | जिसके बाद पीड़ित रामरतन को को अतिवर्षा से मकान क्षति हेतु चालीस हजार और खाद्य सामग्री,और अन्य गृहस्थी का सामान क्षति होने पर पांच हजार की राशि प्रशासन द्वारा दी गई | प्रशासन ने ने रामरतन के बेटे हनुमत को स्कूल मे दाखिल कराने की बात भी की | रामरतन को यह सहायता | राशि राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत स्वीकृत की गई है | रामरतन को अब जीवन के प्रति उम्मीद जागी है
अब आपको दिखाते हैं वो खबर जिसके कारण रामरतन की जिंदगी में बदलाव की शुरुवात हुई है |
MadhyaBharat
20 October 2019
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