परम्परागत तरीके से लग रही है सांपो की अदलात
इसे हम अंधविश्वास कह सकते हैं | लेकिन ये लोगों की आस्था से जुड़ा विषय है | मध्यप्रदेश के सीहोर में साँपों की अदलात लगती है .| लोगों का मानना है यहाँ नाग स्वंय मानव शरीर में आकर बताते है की उन्होने उसे क्यों डसा था |
इस आधुनिक वैज्ञानिक युग में इस तरह के मामलों को सिर्फ अन्धविश्वास कहा जा सकता है | लेकिन लोगों की आस्था के सामने सारे तर्क रखे रह जाते हैं | भोपाल से साठ किलोमीटर दूर सीहोर के रसुलड़िया परिहार में ऐसा नजारा देखने को मिलता है जिस पर आसानी से यकीन नहीं किया जा सकता |
जैसे ही सांप की आकृति बनी थाली को नगाडे की तरह बजाना शुरू किया गया | वैसे ही जिन लोगों को कभी भी सांप ने काटा था वह झूमने लगे और उनके शरीर में नाग का प्रवेश हो गया | ये झूमते लोगों के मुँह से सांप बताता है की उसने इन्हें क्यों काटा | आस्था और अंधविश्वास के इस मामले के दृश्य चौंकाने वाले हैं |
यहाँ के लोगों की मान्यता है कि यहाँ आने से बाबा मंगलदास की कृपा से सापों के काटे का जहर उतर जाता है | इन लोगों का मानना है कि यदि किसी को साप काट ले तो उसे उपचार के लिए यहां लाया जाता है और उसके गले मे बेल बांधी जाती है | ऐसे सभी लोंग साल भर में एक दिन ग्राम लसूडिया परिहार आते है जहा हनुमान जी के मंदिर में नाग देवता स्वयं मानव शरीर में आकर हर मानव को क्यों काटा बताते है | यह सुनने में भले ही विचित्र लगे किन्तु सत्य है |