भोपाल में बनेगा फार्मा पार्क
भोपाल में बनेगा फार्मा पार्क
केन्द्रीय उर्वरक, रसायन एवं फार्मास्युटिकल मंत्री अनंत कुमार ने कहा है कि भोपाल में फार्मा पार्क बनाया जायेगा। उन्होंने अपेक्षा व्यक्त की कि मध्यप्रदेश मेडिकल डिवाइसेस बनाने वाला देश का पहला राज्य मध्यप्रदेश बने। श्री अनंत कुमार आज यहाँ छठवीं अंतर्राष्ट्रीय ईको कोर्स एवं वर्कशाप के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में अगले शैक्षणिक सत्र से स्कूली पाठ्यक्रम में जीवन-शैली पर आधारित पाठ शामिल किया जायेगा।केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि आज बहुत सी बीमारियाँ जीवन-शैली के कारण हो रही हैं। जीवन-शैली के बारे में पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिये मध्यप्रदेश देश का ऐसा राज्य है जहाँ विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानदण्डों के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाएँ संचालित की जा रही हैं। उन्होंने हृदय से संबंधित बीमारियों के पीछे भी वर्तमान जीवन-शैली को दोषी माना। उन्होंने कहा कि जीवन-शैली के कारण मधुमेह की बीमारी होती है और उससे हृदय की बीमारी होती है। आज देश में मधुमेह के आठ करोड़ मरीज हैं। देश में हर घंटे 350 लोग हृदयाघात से मरते हैं। हृदयाघात से होने वाली हर दस मौत में से दो मरीज तीस वर्ष से कम उम्र के होते हैं। इससे बचने के लिये हमें रोकथाम, जागरूकता और उपचार पर ध्यान देना होगा। वर्तमान जीवन-शैली की वजह से कम उम्र में यह बीमारी हो रही है। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में योग, व्यायाम, अनुशासन, भोजन पद्धति के बारे में बताया जाना चाहिये। तहसील और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तक कार्डियक इमरजेंसी के लिये व्यवस्था होना चाहिये। उन्होंने कहा कि ईको मशीन प्रत्येक जिला मुख्यालय पर होना चाहिये।मुख्यमंत्री चौहान ने केन्द्रीय मंत्री श्री कुमार के सुझावों पर कहा कि मध्यप्रदेश में अगले शैक्षणिक सत्र से बेहतर जीवन-शैली का पाठ पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में बड़े स्वास्थ्य संस्थानों को आने के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा। आगामी अक्टूबर माह में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हेल्थ केयर पर फोकस रहेगा। उन्होंने कहा कि शरीर सब धर्मों के पालन का माध्यम है इसलिये शरीर स्वस्थ होना चाहिये। ईको कार्डियोग्राफी मानवता के लिये वरदान है। हृदय की नियमित जाँच होना जरूरी है। प्रदेश में गरीबों के इलाज के लिये राज्य बीमारी सहायता कोष गठित किया गया है। मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से भी बीमारियों के लिये सहायता दी जाती है।स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना जैसी अभिनव योजना शुरू की गई है। प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में चार लाख मरीज को प्रतिदिन नि:शुल्क दवा वितरित की जाती है और 75 हजार मरीज की प्रतिदिन नि:शुल्क जाँच की जाती है। प्रदेश में संस्थागत प्रसव 22 से बढ़कर 86 प्रतिशत हो गया है। एम्बुलेंस 108 योजना से हर माह 81 हजार लोग लाभान्वित हो रहे हैं।ईको कार्डियोग्राफी के विश्व विख्यात विशेषज्ञ डॉ. नवीन सी. नंदा ने कहा कि मध्यप्रदेश स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहा है। ईको कार्डियोग्राफी विशेषज्ञ डॉ. आई.वी. विजयलक्ष्मी ने कहा कि मध्यप्रदेश में बच्चों के हृदय रोग के उपचार का केन्द्र स्थापित करें। डॉ. पंकज मनोरिया ने वर्कशाप के बारे में जानकारी दी। डॉ. पी.सी. मनोरिया ने स्वागत भाषण दिया।कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार और मुख्यमंत्री चौहान ने डॉ. नवीन पी नंदा और डॉ. आई.वी. विजयलक्ष्मी को लाईफ टाईम अचीव्हमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। इसी तरह डॉ. संजय मित्तल और डॉ. समीर श्रीवास्तव को अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस तथा डॉ. शांतनु सेन गुप्ता को स्पेशल सर्विस अवार्ड से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में राजस्व मंत्री रामपाल सिंह और सांसद आलोक संजर, डॉ. एस.के. पाराशर सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आये चिकित्सक शामिल थे।