नक्सल चुनौतियों का जवाब देती महिला कमांडो
नक्सलियों के गढ़ दंतेवाड़ा के आधार क्षेत्र पोटाली में पुलिस कैंप स्थापना के बाद लगातार दूसरे दिन भी नक्सलियों का स्मारक ध्वस्त किया गया | कैंप से कुछ ही दूरी पर स्थित नक्सली नेताओं के नाम स्थापित एक स्मारक को डीआरजी की महिला कमांडोज ने ढहाया |एक दिन पहले इलाके में स्थापित नक्सली लीडर वर्गीस माड़वी और लिंगा के स्मारक को भी जवानों विस्फोट कर ध्वस्त किया था |
नक्सलियों के गढ़ पोटाली में नक्सली ग्रामीणों के जरिये पुलिस कैम्प का विरोध कर रहे थे | नक्सली नहीं चाहते कि उनके इलाके में सुरक्षा बल पहुंचें | लेकिन पोटाली में पुलिस कैंप की स्थापना के बाद |महिला कमांडोज ने नक्सली स्मारक को सब्बल और गैंती-फावड़ा से तोड़ दिया | ये महिला कमांडोज पिछले एक सप्ताह से पोटाली कैंप में रहकर नक्सल चुनौतियों का जवाब दे रही हैं | इलाका घोर नक्सल प्रभावित हैं | इसके बावजूद पुरूष जवानों के साथ 60 महिला कमांडोज ने मोर्चा संभाल रखा है |पहले दिन कैंप घेरने पहुंचे हजारों ग्रामीणों को इन जवानों ने पीछे धकेला और जवान गांव के घर-घर पंहुंच कर महिला और पुरूषों से समन्वय स्थापित कर नक्सलवाद से दूर रहने की सलाह दे रही हैं | बीमार ग्रामीणों को दवा और सेवा भी कर रही हैं | इन 60 महिला कमांडोज में 20 आत्मसमर्पित नक्सल कैडर की महिलाएं हैं | जबकि 20 नक्सल पीड़ित परिवार और शेष 20 सामान्य स्थानीय युवतियां हैं | जो हर मोर्चे पर नक्सलियों को चुनौती देते डटी हैं | एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने बताया कि इन कमांडोज को आधुनिक हथियार चलाने से लेकर जूडो- कराते तक की ट्रेनिंग दी गई है | ये कमांडोज स्थानीय बोली, भाषा और भौगोलिक जानकारी होने से ग्रामीणों से ज्यादा घुलमिलकर जनहित में जुट जाती हैं | साथ ही ग्रामीणों को दवाइयां व भोजन आदि सामग्री भी उपलब्ध करवाने में मदद करती है |