एसएसपी रूचिवर्धन का गाना
इंदौर की एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र जितनी अच्छी पुलिस अफसर हैं वे उतना अच्छा गाना भी गाती हैं | अब तक इस बात को कम ही लोग जानते थे | लेकिन जब उन्होंने एक समारोह में गीत गया तो पुलिसवाले भी तालियां बजाने पर मजबूर हो गए |
इंदौर के विजयनगर में इंदौर पुलिस का एक नया चेहरा सामने आया | दरबार सजा हुआ था | .पुलिस अफसर बैठे थे | लेकिन चोर, पुलिस, डंडा, फटकार नहीं बल्कि सुरीले गीतों की महफिल सजी हुई थी | एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र ने माइक थामा और सुरीले नगमे छेड़ दिये | एसएसपी रूचिवर्धन के गीतों की प्रस्तुति ने समां बांध दिया | कार्यक्रम में उपस्थित लोगों रूचिवर्धन को एक सख्त पुलिस अफसर समझते ने लेकिन उनके गीतों ने लोगों को मत्रमुग्ध कर दिया |
अपने व्यस्त शेड्यूल के बीच इंदौर एसएसपी के गीतों ने पुलिस के इस कार्यक्रम को यादगार बना दिया | इस कार्यक्रम में एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र ने कार्यक्रम में सुर-ताल साधते हुए ना तेरे बिन लगता है जी | के बाद छू कर मेरे मन को गाकर समा बांध दिया | एसएसपी गाने की शौकीन हैं यह तो स्टाफ को पता था लेकिन वे खुद भी इतना अच्छा गाती हैं इस का अंदाज किसी को नहीं था |
एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र पहले भी शहर में सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान न केवल अपने प्रेरक संबोधन बल्कि संगीत के प्रति अपने शौक की वजह से अलग पहचान बना चुकी हैं |