अजीत पवार ने ली डिप्टी CM की शपथ
30 नवंबर तक साबित करना है बहुमत
शिवसेना और कांग्रेस को बड़ा झटका
महाराष्ट्र में राजनीति में शनिवार सुबह उस वक्त खलबली मच गई जब देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली
इससे पहले तक तक एनसीपी ,शिवसेना और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाने की कवायद में लगे थे | शनिवार सुबह 8 बजे ही राज्यपाल ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और एनसीपी के अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई | अब देवेंद्र फडणवीस सरकार को 30 नवंबर तक बहुमत साबित करना है | महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं और बहुमत साबित करने के लिए 145 विधायकों का समर्थन जरूरी है |
महाराष्ट्र में स्थाई सरकार बने इसलिए एनसीपी के अजीत पवार ने बीजेपी के साथ मिलकर नई सरकार बनाने का रास्ता खोल दिया | शनिवार सुबह देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजीत पवार ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली | भाजपा के पास अपने 105 विधायक हैं | वहीं कहा जा रहा है कि अजित पवार के पास एनसीपी के 30 विधायक हैं | इसके अलावा 14 निर्दलीय विधायक अपना समर्थन भाजपा को दे चुके हैं | इस तरह यह आंकड़ा 149 होता है | वैसे भाजपा नेताओं का दावा है कि उनके पास कुल 170 विधायकों का समर्थन है | शपथ लेने के बाद अजीत पवार ने कहा कि शिवसेना रोज नई-नई शर्त लेकर आ रही थी | जबकि हम स्थायी सरकार चाहते थे, इसलिए भाजपा के साथ जाकर सरकार बनाने का फैसला किया |
इसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भाजपा और एनसीपी मिलकर महाराष्ट्र को स्थायी सरकार देंगे | उन्होंने मीडिया से चर्चा में शरद पवार का नाम नहीं लिया, लेकिन अजीत पवार को दो बार \'अजीत दादा पवार\' कहा |
इससे पहले शुक्रवार को शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की बैठक के बाद जैसे ही शरद पवार ने कहा कि सरकार बनाने को लेकर सहमति बन गई है और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर भी एकराय हैं तो तस्वीर लगभग साफ हो गई थी | देर रात यह भी स्पष्ट हो गया था कि उद्धव ठाकरे सीएम बनने को राजी हो गए हैं | राज्य में नई सरकार बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट करते हुए बधाई दी है | पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि \' मैं देवेंद्र फडणवीस जी और अजीत पवार जी को सीएम और डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने पर बधाई देता हूं | मुझे विश्वास है कि दोनों मिलकर महाराष्ट्र के सुनहरे भविष्य के लिए बेहतर काम करेंगे |
महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना को अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है | सरकार बनाने की आस में भाजपा से गठबंधन तोड़ने वाली शिवसेना सरकार बनाने में नाकाम रही है | एनसीपी ने शिवसेना के बजाय भाजपा को तरजीह देते हुए उनके साथ गठबंधन कर लिया | इसके साथ ही शिवसेना का महाराष्ट्र में अपना सीएम बनाने का सपना फिर टूट गया है | इस बीच शरद पवार ने भाजपा के साथ एनसीपी के जाने से इंकार कर दिया है | उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम से किनारा करते हुए कहा कि वह इसके बारे में कुछ भी नहीं जानते थे | यह अजीत पवार का निर्णय है | वहीं कांग्रेस ने शरद पवार पर विश्वासघात का आरोप लगाया है | संजय राउत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, अजीत पवार के मन में पाप छुपा था और उनकी बॉडी लैंग्वेज शंकास्पद थी, शरद पवार भी उन्हें देख रहे थे | इसके बाद वो वहां से चले गए और उनका फोन बंद आने लगा, बाद में मालूम हुआ कि वो किसी वकील के साथ थे, ये आज सुबह समझ आया कि किस वकील के साथ थे |