व्यापम में 30 आरोपियों को सात साल की सजा
व्यापम के एक अपराधी को दस साल की सजा
व्यापम मामलों की सुनवाई के लिए बनी विशेष अदालत ने पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 में 31 आरोपियों को दोषीं मानते हुए उन्हें सजा सुनाई है | एक प्रमुख आरोपी को दस साल और बाकि 30 आरोपियों को सात -सात साल की सजा दी है | अदालत ने व्यापम की कार्यप्रणाली पर सख्त टिप्पणी की और कहा कि व्यापम त्रुटिरहित परीक्षा प्रणाली देने में असफल रहा है |
व्यापम की आरक्षक भर्ती परीक्षा पर फैसला देते हुए विशेष न्यायाधीश एसबी साहू ने लिखा है कि व्यापम त्रुटिरहित परीक्षा देने में असफल रहा | इस वजह से दलाल असली के स्थान पर नकली परीक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल करवाने में सफल रहे | अपने 262 पन्नों के फैसले में कोर्ट ने लिखा है कि व्यापमं ऐसी परीक्षा कायम करने में असफल रहा, जिससे वास्तविक परीक्षार्थी ही परीक्षा दे सकें | साथ ही उनकी पहचान के लिए परीक्षा के पहले लिए गए उनके हस्ताक्षर और फिंगरप्रिंट का भी कोई मतलब नहीं निकला | कोर्ट ने ऐसा इसलिए कहा, क्योंकि जब जांच के दौरान सीबीआई ने नकली और असली परीक्षार्थियों के हस्ताक्षर और फिंगरप्रिंट आपस में मिलान के लिए भेजे तो फॉरेंसिक लैब के विशेषज्ञ इस मामले में अपना कोई अभिमत ही नहीं दे सके | अदालत ने 31 आरोपियों को दोषीं मानते हुए उन्हें सजा सुनाई है | एक प्रमुख आरोपी को दस साल और बाकि 30 आरोपियों को सात -सात साल की सजा दी है |
इसी तरह अदालत ने अपने फैसले में लिखा कि पुलिस का उपयोग अपराधियों से लेकर असामाजिक तत्वों, नक्सलियों और आतंकियों से निपटने के लिए होता है | इन पर देश की सुरक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है | ऐसे में यदि कोई भी अयोग्य उम्मीदवार पुलिस में भर्ती हो जाए तो वो अपनी पूरी टुकड़ी को संकट में डाल सकता है | अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी आरोपियों की सजा मुकर्रर की |