"डिजिटल भारत के सपने को साकार करता मध्यप्रदेश
ईएमसी बनायेंगे मध्यप्रदेश को इलेक्ट्रॉनिक मेन्युफेक्चरिंग में आत्म-निर्भर 'डिजिटल भारत'' के विजन को पूरा करने में मध्यप्रदेश महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। भोपाल के पास बड़वई और जबलपुर के पास पूर्वा में स्थापित होने वाले देश के पहले दो इलेक्ट्रॉनिक मेन्युफेक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी) मध्यप्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर मेन्युफेक्चरिंग के क्षेत्र में निवेश आकर्षित कर इसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में आत्म-निर्भर बनाने में सहायक होंगे। 'डिजिटल इंडिया'' के विजन को मूर्तरूप देने में ईएमसी को सातवें स्तम्भ के रूप घोषित किया गया है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक आयात को शून्य पर लाने का लक्ष्य है। इन दोनों ईएमसी से मध्यप्रदेश इलेक्ट्रॉनिक उद्योग का बड़ा केन्द्र बन जायेगा।योजना का प्रमुख उद्देश्य 'इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम्स डिजायन एण्ड मेन्युफेक्चरिंग (ईएसडीएम)' में निवेश को बढ़ाना है। ईएसडीएम सेक्टर में मोबाइल सेट सहित टेलीकॉम उपकरण, आप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी हार्डवेयर, बायोमेट्रिक/आइडेंटिटी डिवाइसेज, कन्ज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, ईएसडीएम उत्पादों के लिये पॉवर सप्लाय, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर वेफरिंग, सोलर फोटोवॉल्टेइक्स, सेमीकंडक्टर चिप्स और कम्पोनेन्ट्स, ईएसडीएम उत्पादों के लिये एफएबी, एलईडी, एलसीडी, ऐवियोनिक्स, इलेक्ट्रो-मेकेनिकल कम्पोनेन्ट्स, नेनो-इलेक्ट्रॉनिक्स, ई-वेस्ट प्रोसेसिंग, ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रोनिक्स मेन्युफेक्चरिंग सर्विसेज शामिल हैं1योजना में गतिविधियाँईएमसी योजना में अनेक गतिविधि के लिये सहायता दी जायेगी। इनमें आंतरिक सड़कों का निर्माण, स्ट्रीट लाइट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, इलेक्ट्रिसिटी सब स्टेशन, बेकअप पॉवर प्लांट, वेयर-हाउसिंग, कर्मचारियों के लिये हॉस्टल और मेस, अस्पताल, शिक्षा सुविधाएँ, शॉपिंग मॉल, शोध एवं विकास सेवाएँ, प्रशिक्षण सुविधा, आई.टी. अधोसंरचना, टेलीकॉम, पेकेजिंग, टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन सुविधा, सुरक्षा, इलेक्ट्रिकल और मेकेनिकल सम्पत्तियाँ, टेक्स सपोर्ट, प्रदूषण नियंत्रण आदि शामिल हैं।मध्यप्रदेश में दी जाने वाली रियायतेंइलेक्ट्रानिक्स उद्योग को मध्यप्रदेश में अनेक प्रकार की रियायत और सुविधाएँ दी जा रही हैं। राज्य सरकार ने आई.टी. निवेश पॉलिसी 2014 लागू की है। इस नीति में सिंगल विण्डो क्लीयरेंस के माध्यम से सभी सुविधाएँ एक जगह दी जायेंगी। साथ ही ब्याज पर 5 प्रतिशत अनुदान, नई इकाइयों के लिये 25 प्रतिशत पूँजी निवेश अनुदान, आई.टी. इवेंट्स में शामिल होने के लिये स्टॉलों पर लगने वाले किराये का 50 प्रतिशत अनुदान, भूमि की कीमत पर 75 प्रतिशत छूट, वेट और सीएसटी रिफण्ड, स्टाम्प ड्यूटी में रियायतें, स्किल गेप ट्रेनिंग में लागत के 50 प्रतिशत तक की प्रतिपूर्ति, केप्टिव पॉवर जनरेशन और उपयोग के लिये अनुकूल नीति, एन्ट्री टेक्स का लाभ और विस्तार तथा आधुनिकीकरण के लिये सुविधाएँ दी गई हैं।