नक्सलियों में मची अफरा तफरी
छत्तीसगढ़ में बस्तर पुलिस की आक्रामक रणनीति और बढ़ते-चौतरफा दबाव के चलते नक्सली संगठन में अफरा-तफरी मची हुई है। नतीजा यह हुआ है कि अधिकांश नक्सली लीडर भूमिगत हो गए हैं और कुछ दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर गए हैं। अपना अस्तित्व बचाने नक्सली अपहरण या ताड़मेटला जैसी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। इस आशय की खबरें इलाके में पुलिस के शीर्ष अफसर तक पहुंच रही हैं, जिसे देखते हुए बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी ने संभाग के सातों जिलों के एसपी को गाइड लाइन जारी की है, जिसमें खास तौर पर अंदरुनी क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को फोकस करने को कहा गया है।नक्सलियों की सप्लाई लाईन ध्वस्तउल्लेखनीय है कि नक्सलियों के खिलाफ पूरे इलाके में फोर्स द्वारा छेड़ी गई मुहिम में अफसरों ने कुछ समय तक नक्सलियों को सरेंडर का मौका दिया। इसका खासा असर भी दिखा, लेकिन इसी बीच हुए एक रणनीतिक बदलाव के तहत जवानों ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया। पुलिस का सबसे महत्वपूर्ण नेटवर्क यह रहा कि उसने गांव व शहरों में नक्सली समर्थकों को चिन्हित कर या तो उन्हें समर्पण के लिए मौका दिया या फिर दबोच लिया, इस कार्रवाई से नक्सलियों की सप्लाई लाईन पूरी तरह से ध्वस्त हो गयी है। अब न तो उन्हें पुलिस के मूवमेंट की सूचनाएं मिल रही हैं, न ही राशन या धन की आपूर्र्ति हो पा रही है। डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड, सेंट्रल फोर्स और जिला बल के साथ स्पेशल टास्क फोर्स ने नक्सलियों को सीधे तौर पर टारगेट किया। नतीजा यह हुआ कि नए साल में 18 और विगत तीन महीने में 40 नक्सली मारे गए।अस्तित्व बचाने नक्सली बड़ी वारदात की फिराक मेंअटैक, अरेस्ट और सरेंडर की नीति के चलते पुलिस ने नक्सलियों को इस समय बैकफुट पर धकेल दिया है। नक्सल फं्रट पर अफसरों का अब यह मानना है कि यह प्रेशर बना रहना चाहिए। वहीं इस बीच नक्सली अपहरण या हत्या जैसी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देते हैं तो फोर्स के लिए नुकसान की बात होगी। इससे बचने एसपी, एएसपी ऑपरेशन स्तर के अधिकारियों को सतर्कता बरतने कहा गया है। अंदरुनी इलाकों में तैनात जवानों को सख्त हिदायत दी गयी है कि, इक्का-दुक्का कैंप, थानों से न निकलें। सरकारी काम पर भी जाते हैं, तो इसकी सूचना थाना प्रभारी को होनी चाहिए ताकि थाना प्रभारी उनकी सुरक्षा के जरुरी इंतजाम करेंगे।पूरी तरह सतर्कता बरतने के निर्देशदंतेवाड़ा जिला के कुआकोंडा ब्लाक में पुलपाड़ से नक्सलियों ने पोसेटमैन का अपहरण किया था। किडनैप करने के बाद उसे जान से मार दिया गया। नक्सलियों द्वारा अंजाम दी गई इस तरह की वारदात के बाद सातों जिलों में सिक्यूरिटी आडिट हुआ है। वीआईपी ठिकानों पर लगाई गई सुरक्षा व्यवस्था की भी समीक्षा हुई है। आईजी ने सभी एसपी को निर्देश दिए हैं कि सुरक्षा में मामूली चूक भी भारी पड़ती है, इसके चलते किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए।नक्सलियों की हर गतिविधि पर पैनी नजर - पुलिसबस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी एवं एसपी आरएन दास ने बताया कि ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना सीमावर्ती राज्यों के साथ मिलकर इंटर स्टेट ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं, इससे नक्सलवाद की कमर टूटी है। फोर्स अपनी तय रणनीति के मुताबिक काम करेगी, जिसके मद्देनजर नक्सलियों की हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है।