केन्द्र और राज्य मिलकर करें विकास
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीइंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना पडेगा । समिट में पहुँचने से पहले मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी सम्बोधित किया भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह मध्यप्रदेश के सेवक की तरह कार्य करने के लिए तैयार हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के विकास के लिए जो भी योजनाएं बनाते हैं उन्हें पूरा करने के लिए वह भरपूर सहयोग देगें। उन्होंने कहा कि मैं इस इन्वेर्स्टस समिट में पूरे दो दिन शामिल होना चाहता था लेकिन समय अभाव की वजह से यह संभव नहीं हो पाया। अपने दस मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यह ग्लोबल समिट सिर्फ मध्यप्रदेश के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए बेहद अहम हैं क्योंकि यहां जो भी निवेश होगा उससे प्रदेश ही नहीं देश का भी बड़ा फायदा होगा। अपना संबोधन समाप्त कर वह समिट स्थल पहुंचे जहां उन्होंने शंखनाद कर दीप प्रज्वलित किया और समिट का औपचारिक उद्घाटन किया। इसके बाद बॉलिवुड गायक शान ने मध्यप्रदेश गान प्रस्तुत किया। इन्वेस्टर्स समिट में भाग लेने आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समिट को संबोधित करते हुए कहा कि यह समिट एक ऎसा कार्य है जिसमें मुझे पूरे दो दिन शामिल होना चाहिए था लेकिन में ऎसा नहीं कर पाया लेकिन अगली बार जरूर कोशिश करूंगा। उन्होंने कहा कि देश की ताकत राज्यों में है और जो इसे समझता है वही देश का आगे बढ़ा सकता है। देश को आगे बढ़ाने के लिए राज्यों का आगे बढ़ना बेहद जरूरी है। केन्द्र और राज्य स्तंभ की तरह है सिर्फ एक स्तंभ मजबूत हो तो काम नहीं होगा इसके लिए सभी स्तंभों को मजबूत करने की जरूरत है। केन्द्र का यह दायित्व है कि सभी को लेकर आगे बढ़े।प्रधानमंत्री ने देश के विकास के लिए टीम इंडिया का कंसेप्ट देते हुए कहा कि टीम इंडिया से मेरा मतलब है प्रधानमंत्री और सभी राज्यों के मुख्यमंत्री मिलकर देश के विकास में योगदान दे तो फिर हम देखेगें की देश उन्नती की नई ऊंचाईयों का छूता है। मुख्यमंत्री रहते हुए मेरा अनुभव रहा है कि केन्द्र और राज्य में कभी 36 का आंकड़ा नहीं होना चाहिए। यह आंकड़ा बेहद खराब होता है। यदि यह आंकड़ा नहीं है तो प्रदेश विकास करता है लेकिन यदि दोनों के बीच यह आंकड़ा है तो इसका नुकसान कितना होता है यह शिवराजसिंह जी भी बड़ी अच्छी तरह जानते हैं क्यों कि उन्होंने भी दस साल इसे देखा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह के नेतृत्व की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि, निती, नियत, ईरादा, लगन, साहस और लक्ष्य हो तो कोईं भी बीमार राज्य विकासशील बन सकता है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण मुख्यमंत्री शिवराजसिंह और उनकी टीम ने दिया है जिसके लिए वह सभी अभिनंदन के पात्र हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने समिट को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री की तारीफों के पुल बांधाते हुए कहा कि उन्हें केन्द्र में शपथ लिए मात्र चार महीनें हुए हैं लेकिन इन चार महीनों में उन्होंने स्वयं का ही नहीं बल्कि देश का मान बढ़ाया है। उनकी भूटान, नेपाल और जापान की यात्रा से देश का लाभ हुआ। मैं आज भावविभोर हूं की वह हमारे बीच मौजूद हैं। उन्होंने ब्रिक्स देशें के समिट में भाग लिया और इसके बाद ब्रिक्स बैंक की घोषणा हुई जिसका अध्यक्ष भारत बना। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने पिछले 7 सालों में प्रदेश की विकास दर लगातार दोहरे अंकों में होनें की बात कही। मुख्यमंत्री ने उन सभी उद्योगपतियों का भी धन्यवाद किया जिन्होंने प्रदेश में निवेश किया और कहा कि उन्हें यहां रूकना नहीं है बल्कि और आगे जाना है। मध्यप्रदेश वह राज्य है जो कि एक बार किया का हाथ पकड़ता है तो फिर छोड़ता नहीं है।समिट के औपचारिक उद्घाटन के बाद प्रदेश की उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए स्वागत भाषण दिया जिसमें उन्होंने भाजपा सरकार की केंन्द्र और प्रदेश में उपलब्घियों का उल्लेख करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश 2005 से पहले एक बीमार राज्य था लेकिन सरकार बदलने के बाद प्रदेश ने लगातार विक ास किया और आज प्रदेश की कृषि विकास दर और जीडीपी दुगुनी हो गई है। उद्योग मंत्री ने यह भी कहा कि जिस तरह सत्ता परिवर्तन के बाद गुजरात ने मोदी जी के नेतृत्व में यह साबित किया की विकास केवल सहीं नेतृत्व से हो सकता है वैसे ही मध्यप्रदेश ने भी यह साबित किया है। अपने भाषण में उद्योग मंत्री ने आगे कहा कि देश में सरकार बदलने के मात्र तीन महिनों में देश में जो परिवर्तन आया है वह सबके सामने हैंप्रधानमंत्री के अलावा समिट में भाग लेने के लिए देश के कई जाने मानें उद्योगपति भी सुबह से ही इंदौर पहुंचना शुरू हो गए थे। इनमें केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, हीरो मोटोकॉर्प के पवन मुजाल, मेदांत ग्रुप के डॉ. नरेश त्रेहान, रिलायंस गुप के मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी, फ्यूचर ग्रुप के किशोर बियानी आदी शामिल हैं। इनके अलावा कुल 28 देशों के एबेंसेडर और 9 देशों के हाई कमिश्नर भी मौजूद हैं।