जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिन्द की है यह याचिका
अयोध्या में राममंदिर के मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिन्द ने पुर्विचार याचिका दायर की है | जमीयत के वकील एम सिद्दीकी ने यह याचिका दायर की | याचिका के जरिए मांग गई है कि सुप्रीम कोर्ट 9 नवंबर के अपने फैसले पर रोक लगाए |
अयोध्या मसले पर इस पुनर्विचार याचिका में इसके लिए कई दलीलें भी दी गई हैं | किसी भी फैसले के खिलाफ 30 दिन के भीतर पुनर्विचार याचिका दायर करना होती है | यह अवधि 9 दिसंबर को पूरी होगी | माना जा रहा है कि इससे पहले 4-5 याचिकाएं दायर हो सकती हैं | इनमें से एक याचिका ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सन लॉ बोर्ड की ओर से होगी | जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिन्द की ओर से दलील दी गई है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई, इसका कोई सबूत नहीं है | वहीं सर्वोच्च अदालत ने माना है कि 1949 में वहां मूर्तियां रखी गईं | साथ ही यह भी फैसले में माना गया है कि 6 दिसंबर को जो हुआ वो गलत था, तो विवादित जमीन किसी एक पक्ष को कैसे दी जा सकती है | जमीयत के वकील एम सिद्दीकी ने मांग की है कि सर्वोच्च अदालत अपने फैसले पर स्टे लगाए और राम मंदिर निर्माण की दिशा में उठाए जा रहे कदमों पर तत्काल रोक लगाए |