किसानों पर राजनीति करने वाले नेता चुप
किसानों के नाम से बोट बैंक की राजनीति करने वाले नेता चुप हैं | किसान परेशान हैं उनकी सुनवाई कही नहीं हैं | ये बात अलग हैं की सरकार बनाने और बिगड़ने ने इस्तेमाल किसान का होता हैं | मध्यप्रदेश में भी सरकार बनाने के लिए कांग्रेस ने किसानो के आगे दस दिन में कर्जमाफी का दाना फेंका और किसान फंस गए | मगर अब किसान ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं |
मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने वादा किया था | की दस दिन में कर्ज माफ़ नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री बदल दिया जाएगा | मगर किसानो के जमीनी हालत कुछ और ही बयां करते हैं | अब सरकार को वक्त चाहिए सरकार के मंत्री कहते हैं की हमारे पास पेड़ नहीं हैं जो हिलाने से पैसा आ जायेगा | किसान कर्जमाफ नहीं होने से ठगा हुआ महसूस तो कर ही रहा हैं साथ ही | दूसरी ओर बीमा योजना में उलझा हुआ है |
किसान को कुछ मिला हैं तो वो है सिर्फ धोका | ये तस्वीरें सरकार के सभी दावों और वादों की हकीकत बयां कर रही है | और बार बार सरकार को चुनावी वादे को याद कराने की कोशिश कर रही हैं | अब किसान सरकार की मंशा पर शक करने लगा हैं | की यह चुनावी वादा हकीकत में बदलेगा या नहीं | या इस सरकार के पांच साल भी यूँ ही काट जायेंगे | इन तस्वीरों में दिख रही ये लंबी लाइन किसानों की है | किसानों के परिवारों की है | बच्चों की है | ये लोग यूरिया के लिये लाइन में घंटो सड़े खड़े हैं | और घंटो के इंतजार के बाद महज एक बोरी यूरिया ही मिला | जबकि जरूरत 3 से 4 बोरी की थी |
मध्यप्रदेश में जगह जगह ऐसा ही हाल है | किसान परेशान है | और सरकार कुछ कर ही नहीं रही है या फिर कुछ करना ही नहीं चाहती | सरकार बनने के कुछ माह बाद ही मध्यप्रदेश में यूरिया की ऐसी किल्लत हुई कि अफरा तफरी मच गई |
रवि की फसल को बचाने के लिए किसान अब सब काम छोड़कर यूरिया की लंबी लंबी लाइनों में लगा है | कैसे भी यूरिया मिल जाये और फसल को बचाया जा सके | अब कांग्रेस केंद्र सरकार को दोषी ठहरा रही है | और बी जे पी राज्य सरकार पर इसका ठीकरा फोड़ रही है| पर इन किसानों की क्या गलती जो राजनीति के नफा नुकसान का खामियाजा भुगत रहे हैं | नेताओं से एक ही विनती हैं की | किसान देश का अन्नदाता है | ऐसे में जरूरी ये है | कि सियासत और राजनीतिक फायदे के नाम पर उससे खिलवाड़ न हो |