गुजराल की मानते तो 84 का नरसंहार टल जाता
1994 के सिख दंगों को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बड़ा बयान सामने आया है | मनमोहन सिंह ने कहा कि उस वक्त आई के गुजराल की बात मानी होती तो हालात इतने नहीं बिगड़ते | उनकी सलाह पर चलते तो 1984 के नरसंहार को टाला जा सकता था |
देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1984 में हुई हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगों के जख्म अब तक पूरी तरह से नहीं भरे हैं | इस दंगें में कई निर्दोषों को जान गंवानी पड़ी थी | इंदिरा गांधी की हत्या के बाद बेकाबू हुए कोंग्रेसियों का गुस्सा निर्दोंषों पर फूट पड़ा था | हाल ही में 1984 के दंगों को लेकर देश के पूर्व प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह ने कहा है कि उस वक्त अगर दिवंगत इंद्र कुमार गुजराल की बात मान ली गई होती तो देश में इतने हालात नहीं बिगड़ते | मनमोहन सिंह ने आइके गुजराल के 100वें जन्मदिन के मौके पर आयोजित एक समारोह में यह बात कही | उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों को टाला जा सकता था अगर गुजराल की सलाह को मानते हुए हिंसा पर काबू पाने के लिए जल्द से जल्द सेना को बुला लिया जाता
पूर्व प्रधानमंत्री सिंह ने कहा \'| जब 1984 में यह दुखद घटना घटी, गुजराल जी तब के गृह मंत्री रहे पीवी नरसिम्हा राव के पास गए और उन्होंने कहा कि हालात बेकाबू हो रहे हैं | ऐसे में जरुरी है कि सरकार जल्द से जल्द सेना को बुला ले | अगर उस वक्त यह सलाह मान ली जाती तो 1984 में जो नरसंहार हुआ उसे टाला जा सकता था | मनमोहन सिंह ने यह भी कहा कि गुजराल और मैं एक ही विरासत को साझा करते हैं कि हम पाकिस्तानी रिफ्यूजी थे जो भारत देश के प्रधानमंत्री बने .| कार्यक्रम के दौरान सिंह ने कहा कि मैं गर्व महसूस करता हूं कि मैंने अपना करियर मॉस्को में उस वक्त शुरू किया जब आइके गुजराल एंबेसेडर थे |