\'ओ यूरिया ओ यूरिया\'सोशल मीडिया पर वायरल
ओ साहिबा ओ साहिबा | ये गाना तो आपने खूब सुना होगा | मगर जब एक किसान इस गीत को गाता हैं तो इसके बोल बदल जाते हैं | . किसान का दर्द इस गाने ने उतर जाता हैं | इस वक्त मध्यप्रदेश का किसान अपनी फसल को बचाने के लिए यूरिया के लिए परेशां हैं | सरकारी दावे और वादों की पोल खोलता यह गीत .| सबको बहुत पसंद आ रहा हैं जिसके बोल हैं | ओ यूरिया | ओ यूरिया | कहा मिलोगी तुम |
यूरिया की किल्लत को लेकर किसान परेशान हैं \'ओ यूरिया ओ यूरिया\'कहा मिलोगी तुम | ये बोल सुनकर आप समझ ही गए होंगे की किसान यूरिया ढूंढ रहा हैं | जो लंम्बी कतरे लगाने के बाद भी किसानो को नहीं मिल पा रही हैं | दरअसल प्रदेश में यूरिया की धीमी वितरण प्रक्रिया को लेकर प्रदेश का किसान परेशान हैं | और इस परेशान किसान ने अपना दर्द बयान करते हुए एक गाना \'ओ यूरिया ओ यूरिया\' गाया है | अब किसान का यह विडियो सोशल मीडिया पर जम कर वायरल हो रहा है | पहले आप इस गाने को सुनिए |
अब आपको इस गीत को गाने वाले किसान के बारे में बताते हैं | भोपाल के विरहा श्याम खेड़ी गांव का रहने वाला ये किसान बीएम पाल हैं | गाने के बोल \'ओ सायबा ओ सायबा\' हिंदी फिल्म \'दिल हैं तुम्हारा\' के हैं | जिसे बदल कर किसान ने ओ यूरीया ओ यूरिया कहां मिलोगी तुम | कर दिया हैं | दरअसल किसान को जितनी यूरिया अपनी फसल के लिए चाहिए | किसी भी किसान को सरकार उतनी यूरिया उपलब्ध नहीं करवा पा रही हैं | जिससे किसान को अपनी फसल बचाने का संकट खड़ा हो गया हैं | गाना गाने वाले किसान के परिवार के पास 7 एकड़ जमीन है | जिसके लिए लगभग 20 बोरी यूरिया की आवश्यकता है | लेकिन उसे अभी तक सिर्फ पांच बोरी ही यूरिया ही मिली है | किसान के परिवार में 7 लोग हैं | जो इस जमीन की खेती पर निर्भर हैं | किसान की मानो तो अगर उसकी फसल को यूरिया नहीं मिली | तो फसल पैदा नहीं होगी | और फसल पैदा नहीं होगी तो | पूरे परिवार पर संकट आ जाएगा आपको याद दिलाते चले | की इससे पहले भी एक किसान ने अपने दर्द को एक गीत में बयान किया था | किसान ने सोयाबीन को लेकर \"सोयाबीन मेरे प्यारे सोयाबीन\" गाना गाया था | जो लोगों ने बहुत पंसद किया था | जो भी हो सरकार तक अपनी बात पहुंचने का किसानो ने ये अनोखा तरीका अच्छा हैं