प्रशासन ने तोड़ा विवादों में रहा पत्रकार भवन
 PATRKAR BHAVAN

पत्रकारों की राजनीति का शिकार हुआ पत्रकार भवन

 

अच्छा भला भोपाल का पत्रकार भवन पत्रकारों की राजनीति का शिकार होकर रसातल में चला गया  | पत्रकार भवन की लीज रिन्यूअल की रिव्यू पिटीशन  खारिज कर दिए जाने के बाद प्रशासन ने पत्रकार भवन को तोड़ दिया |  सरकार का कहना है अब इस जगह नया मीडिया सेंटर बनाया जाएगा  | 

भोपाल जिला प्रशासन और नगर निगम के अफसरों के मुताबिक पत्रकार भवन की लीज रिन्यूअल की रिव्यू पिटीशन  खारिज कर दिए जाने के बाद सरकार इस इमारत और इसमें संचालित कार्यालय को अवैध मान रही थी |  इस आधार पर सरकार ने  इस इमारत को गिराने की तैयारी करने के निर्देश जिला प्रशासन और नगर निगम अमले को दिए  |  हालांकि पत्रकार भवन की लीज का मामला हाईकोर्ट से खारिज किए जाने के बाद श्रमजीवी पत्रकार संघ ने अगले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही थी |   इस भवन को गिराने के लिए सरकार और प्रशासन के आला अफसरों ने रविवार देर रात बैठक कर रणनीति बनाई  | तडक़े पांच बजे प्रशासन, नगर निगम के अमले ने भारी पुलिस बल के बीच इस भवन को ढहाने की कार्रवाही शुरु की  |  इसके लिए करीब आधा दर्जन जेसीबी और अन्य मशीनों का उपयोग किया  गया  | पत्रकार भवन के मलवे को भी  हटाने का काम भी शुरु कर दिया गया  | यह पत्रकार भवन लंबे समय से विवादों में रहा है  | पत्रकार भवन पर कब्जे को लेकर दो पत्रकार संगठन झगड़ रहे थे |  इसके बाद मामला सरकार से होते हुए कोर्ट तक पहुंचा, जहां कोर्ट ने लीज रिन्यूअल की रिव्यू पिटीशन भी खारिज करते हुए भवन को अवैध माना |  हाईकोर्ट ने श्रमजीवी पत्रकार संघ और पत्रकार भवन समिति की याचिकाएं खारिज कर दी थी  |  जस्टिस सुजॉय पॉल की एकलपीठ ने कहा कि संघ और समिति उक्त जमीन पर अपना अधिकार साबित करने में विफल रहे हैं  |  1969 में वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन को उक्त जमीन आवंटित की गई थी |  पिछली भाजपा सरकार के समय भी इस भवन की जगह नए मीडिया भवन को बनाने के लिए एक समिति का भी गठन किया था, लेकिन उसके बाद मामला आगे नहीं बढ़ सका  |  जनसंपर्क आयुक्त पी नरहरि का कहना है कि पत्रकार भवन की जगह पर सर्वसुविधायुक्त वल्र्ड क्लास मीडिया भवन बनाया जाएगा, जिसमें पत्रकारों के लिए बैठने के अलग कॉमन हॉल, पुस्तकालय, मीडिया सेंटर, वाई-फाई, कैंटीन समेत हर तरह की सुविधाएं रहेगी |