संविधान की शपथ लेकर विवाह शुत्र में बंधे वर-वधू
मिंया बीवी राजी तो क्या करेगा काजी | बिन फेरे हम तेरे | ये सब किसी फिल्म के डायलॉग जरूर हो सकते हैं | मगर यह हकीकत हैं | हम आपको एक ऐसी शादी के बारे में बता रहे हैं | जिसमे वर-बधू ने अग्नि को साक्षी मान कर फेरे नहीं लिए | बल्कि अपने नए जीवन की शुरुआत भारत के संविधान को साक्षी मानकर | एक दूसरे का साथ देने का वचन लिया और शपथ ग्रहण की | अब इस अनूठी शादी का वीडियो वायरल हो रहा हैं | और लोग वर-वधु के इस कदम की तारीफ भी कर रहे हैं |
सभी अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए कुछ हट कर करते हैं | ऐसी ही एक अनूठी शादी के बारे में हम आपको बता रहे हैं | दरअसल शादी एक ऐसा शब्द हैं जिसका नाम सुनते ही हमे मंगलसूत्र, अग्नि फेरे याद आ जाते हैं | लेकिन यंहा शादी में ऐसा कुछ नहीं है .| खरगोन में एक अनूठी शादी देखने को मिली जो शायद देश मे पहली शादी होगी जिसमें अग्नि को साक्षी मानकर वर-वधू ने फिरे नहीं लिए | बल्कि भारत के संविधान को साक्षी मानकर एक दूसरे का साथ देने का वचन लिया और शपथ ग्रहण की | दरअसल मामला कुछ यूं है कि कसरावद निवासी वज्र कलमें व खरगोन निवासी अंजलि रोकड़े विवाह बंधन में बंधे जिसमें उन्होंने भारत के संविधान की शपथ ली और एक दूसरे का सात जन्म तक साथ देने का वादा किया | वर वधु का मानना है .| कि समाज में लेन-देन जैसी प्रथा व फालतू खर्चा | कुरीतियां फैली हुई है | जिन्हें बंद होना चाहिए और इस तरह की शादी कर फिजूल खर्च बचाना चाहिए जो कि किसी नेक कार्य में लगाया जा सके | समाजसेवी रामेश्वर बडोले का मानना है कि | कलमें परिवार व रोकड़े परिवार द्वारा एक अच्छी पहल की गई है जिससे कि समाज में एक नया संदेश जाएगा | कलमें परिवार द्वारा पहले भी समाज में नया संदेश देते हुए उनके पिताजी की मृत्यु होने पर देह मेडिकल कॉलेज को दान की गई थी।