घरेलू हिंसा प्रभावित महिलाओं को तत्काल मदद दें
घरेलू हिंसा प्रभावित महिलाओं को तत्काल संरक्षण देकर उनकी मदद किये जाने के निर्देश अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अरुणा मोहन राव ने अधिकारीयों के दिए। घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 मे तहत किये जाने वाले कार्यो के संबंध में अरुणा मेाहन राव ने अधिकारियों के साथ बैठक की । बैठक में पीडि़त महिलाओं को घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपनी शिकायत को आसानी से दर्ज किये जाने तथा इस अधिनियम के अन्तर्गत तत्काल राहत राशि प्रदान किये जाने के संबंध में विस्तार से चर्चा की । डीआरईआर. (डोमेस्टिक इन्सिडेन्ट रिपोर्ट) दर्ज होने तथा महिला को राहत पहुॅचाने में कोई विलम्ब न हो तथा उसका निराकरण करने के सम्बन्ध में निर्देश दिये । उन्होंने भोपाल के पुलिस अधीक्षक (उत्तर )एवं पुलिस अधीक्षक(दक्षिण) को निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने कार्य क्षेत्र में अभियोजन अधिकारियों से सम्पर्क में रहे तथा अभियेजन अधिकारियों के माध्यम से डीआईआर. के प्रकरणों का समयसीमा में निराकरण करने का प्रयास करे । प्रत्येक थाना में संरक्षण अधिकारियों के नाम तथा उनके मोबाईल नंबर चस्पा करने के निर्देश दिये गये ताकि पीडि़त महिला सीधे अभियोजन अधिकारी से सम्पर्क कर सके तथा अपनी शिकायत दर्ज कर डीआईआर. के प्रकरण दर्ज करा सके । डीआईआर. के प्रकरण दर्ज होने से लेकर न्यायालय तक पूरी कड़ी को सुचारु रुप से संचालन हेतु विधिक सेवा प्राधिकरण तथा संरक्षण अधिकारियों के साथ मिलकर महिलाओं के उत्थान हेतु कारगर कार्यवाही किये जाने पर बल दिया गया । बैठक में अंशुमन सिंह, पुलिस अधीक्षक (दक्षिण) भोपाल, अरविन्द सक्सैना, पुलिस अधीक्षक (उत्तर) भोपाल के साथ उनके थानाक्षेत्र में आने वाले एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी राहुल दत्त, संरक्षण अध्किारी, डाॅ. नईम उद्दीन खान मीना मिंज, नीलम पटेरिया , अर्चना भटनागर और कृष्णा बैरागी, ने भाग लिया ।