गुणवत्ता खराब होने का बताया जा रहा कारण
धान फड़ संचालको की मनमानी से तंग किसान
कांकेर में धान नहीं खरीदे जाने से किसान परेशान हो रहा है | धान फड़ संचालक यह कहकर धान नहीं खरीद रहे की धान की गुणवत्ता सही नहीं है | किसानो का कहना है की इस बार ज्यादा बारिश की वजह से धान का रंग जरूर अच्छा नहीं आया है | पर धान की गुणवत्ता खराब नहीं है | पूर्व की सरकार में इस तरह की परेशानी किसानों को कभी नहीं आई | किसानो ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा की यही धान बेचकर वो बैंक का कर्ज चुकाएंगे , अपने घर का प्लान पोषण करेंगे |
कांकेर में परलकोट के 133 गांव में धान खरीदी केन्द्र में धान नही खरीदी जाने से किसान परेशानी हो रहा है | किसानों का धान ये कहकर धान फड़ संचालको द्वारा वापस कर दिया जा रहा है कि | धान की गुणवत्ता खराब है | जबकि किसानों का कहना है कि इस बार बारिश ज्यादा होने की वजह से धान के दानों पर अच्छे रंग जरूर नही आये | पर धान वापस कर दिया जाये वैसा खराब नही है | आज तक कभी इस प्रकार की कभी दिक्कत नही आई है | भूपेश बघेल की नई सरकार में किसानो को बहुत परेशान किया जा रहा है | किसानों का कहना है ये धान बेचकर ही बैंक से लिया गया लोन को चुकाना है | घर की जिम्मेदारी भी इस धान बेचने पर निर्भर करता है | ऐसे में धान नही बिका तो आत्महत्या की नौबत आ जायेगी | धान फड़ संचालक का कहना है की ऊपर से आदेश मिला और बांदे लेम्स के मैनेजर का निर्देश हैं कि | सिर्फ अच्छी धान की खरीदारी करें | बाकी वापस कर दे |
वही किसानों की शिकायत है कि धान पर टोकन 40.500 ग्राम का दिया जा रहा है | प्रति बोरी पर धान 41.300 लिया जा रहा है | फड़ो में हमाल खर्च के नाम पर प्रति बोरी 5 से 8 रुपए तक वसूला जा रहा है | धान की गुणवत्ता खराब बोल कर 4 से 6 बोरी धान की मांग की जा रही हैं| विरोध करने पर धान की गुणवत्ता खराब बोलकर वापस कर दिया जा रहा है | तहसीलदार शेखर मिश्रा का कहना है कि | इस बारे में उन्हें जानकारी मिली हैं | और लगातार वो अपनी टीम फड़ो में भेज भी रहे हैं | किसानों का एक दाना ज्यादा गलत तरीके से लेने नही दिया जाएगा | धान का गलत तरीके से परिवहन किया जा रहा है| उस पर अब तक कई कार्यवाई की जा चुकी है और आगे भी जरी रहेगी |
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बिक्रम उसेंडी का कहना है की | कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने गंगा जल छु के कई वादे किये थे | जिसमे किसानों के फसलों का एक एक दाना खरीदे जाने की भी बात कही थी | साथ ही कहा था की 2500 रूपए किंटल धान खरीदेंगे | लेकिन उनका कार्यकाल एक साल हो जाने के वाद भी | एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है |