दुबई में दिखा \'रिंग ऑफ फायर\' का नजारा
इस वर्ष के आखिरी सूर्य ग्रहण की देश दुनिया से शानदार तस्वीरें सामने आयी हैं | इस खगोलीय घटना को देखने के लिए लोगों में खासा उत्साह रहा ... प्रधानमंत्री मोदी बादलों के कारण इस नज़ारे को नहीं देख सके फिर उन्होंने लाइव स्ट्रीमिंग के जरिये सूर्य ग्रहण को देखा ... इस दौरान देश भर के मंदिरों
साल 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण गुरुवार को रहा | इस ग्रहण को देश के बड़े हिस्से में देखा गया | गुजरात, केरल, तमिलनाडू से सूर्यग्रहण की शानदार तस्वीरें सामने आईं | सूर्यग्रहण गुरुवार सुबह 8.09 बजे शुरू हुआ जो सुबह 10.59 बजे समाप्त हुआ | सूर्य ग्रहण की वजह से छोड़ महाकाल मंदिर बाकि सभी मंदिर के पट बंद रहे | लोग भी अपने-अपने तरीके से सूर्य ग्रहण देखने के लिए घरों से बाहर रहे | इससे पहले बुधवार रात 8 बजे से सूतक लग गया था | देशभर के प्रमुख मंदिरों में शयन आरती भी रात 8 बजे के पहले कर ली गई थी | गुरुवार सुबह 2 घंटे 40 मिनट के सूर्य ग्रहण के बाद मंदिरों का शुद्धिकरण कर आरती की गई दुबई से भी ग्रहण की शानदार तस्वीर नजर आई | यहां पूर्ण सूर्य ग्रहण नजर आया | चंद्रमा ने सूर्य को पूरी तरह ढंक लिया और यहां रिंग ऑफ फायर का नाजार देखने को मिला | देशभर में सूर्यग्रहण देखने को लेकर उत्साह रहा | इससे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अछूते नहीं रहे | उन्होंने सूर्यग्रहण को देखने की कोशिश की हालांकि उन्हें इसे लेकर निराशा हाथ लगी | पीएम मोदी ने इसे लेकर ट्वीट भी किया है जिसमें उन्होंने लिखा \'अन्य भारतीयों के तरह मैं भी सूर्यग्रहण को लेकर उत्साहित था | लेकिन निराशाजनक तौर पर मैं बादलों की वजह से सूरज को नहीं देख सका | हालांकि मैंने कोझिकोड और अन्य जगहों की लाइव स्ट्रीम की मदद से सूर्य ग्रहण को देखा | विशेषज्ञों से चर्चा के दौरान इस विषय को लेकर मैंने अपना ज्ञान भी बढ़ाया | इधर अहमदाबाद में सूर्य अर्ध चंद्रमा की तरह नजर आया | यहां सुबह होने के बावजूद सड़कों पर अंधेरा रहा |
अब अगला सूर्य ग्रहण 6 महीने बाद 21 जून 2020 को दिखाई देगा | सूर्य ग्रहण के बाद पुण्य स्नान के लिए नदी तटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही | सूतक खत्म होने के बाद मंदिरा में शुद्धिकरण किया गया | आज हुए ग्रहण से ठीक एक दिन पहले पौष माह में मंगल वृश्चिक में प्रवेश किया है | यह स्थिति बड़े प्राकृतिक आपदा की ओर इशारा कर रही है | इस ज्योतिषीय गणना के मुताबिक, ग्रहण के 3 से 15 दिनों के भीतर भूकंप, सुनामी और अत्यधिक बर्फबारी हो सकती है |