एमए परीक्षा में आपत्तिजनक शब्दों पर जाँच पूरी
 EXAM PAPER CHECK

तीन सदस्यीय कमेटी ने जाँच पूरी कर शासन को भेजी

 

एमए की परीक्षा में  | राजनीति शास्त्र के पहले पेपर में उग्रवादी और क्रांतिकारी आतंकवादी में अंतर बताये जाने को लेकर सवाल पूछा गया था  | जिसके बाद आपत्तियां उठाई गई थी |  जिस पर प्रशाशन में जाँच बैठा दी थी  | विश्वविद्यालय की तीन सदस्यीय जांच कमेटी और संचालक उच्च शिक्षा विभाग की एक कमेटी ने इस पुरे मामले पर अपनी जाँच को पूरा कर रिपोर्ट शासन को भेज दी हैं  | 

मामला जीवाजी यूनिवर्सिटी के एमए की परीक्षा का हैं |  जिसमे एक पेपर में उग्रवादी और क्रांतिकारी आतंकवादी जैसे शब्दों का इस्तेमाल एक प्रश्न में हुआ था  | जब इस पर बबाल हुआ तो |  को पुरे मामले की जाँच के लिए एक जाँच कमिटी गठित की गई  | अब कमिटी जाँच पूरी हो गई हैं  |  और रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज दी गई है  | जेयू के जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. केशव सिंह गुर्जर ने बताया कि  | विश्वविद्यालय की तीन सदस्यीय जांच कमेटी और संचालक उच्च शिक्षा विभाग की एक कमेटी ने शनिवार को सबंधित पक्षों के लिखित बयान पुरे होने के बाद , रिपोर्ट शासन को भेज दी हैं  | आपको बता दे की  इन विवादस्पद शब्दों को वर्ष 2014 में अध्ययन मंडल द्वारा सिलेबस में शामिल किया गया था  | और इसी के आधार पर 20 दिसम्बर को आयोजित राजनीति शास्त्र के पहले पेपर में उग्रवादी , क्रांतिकारी और आतंकवादी में अंतर बताये जाने को लेकर प्रश्न पूछा गया था  |  हैरानी की बात है कि पिछले पांच वर्षों से एमए के तृतीय सेमिस्टर में राजनीति शास्त्र में इसे पढ़ाया जा रहा था  |  हालाकि दबी जुबान से जिम्मेदार इसे अध्ययन मंडल की गलती स्वीकार रहे हैं | फिलहाल गेंद शासन के पाले में है  | और देखने वाली बात होगी की इसकी गाज किस पर गिरती है |