सेना प्रमुख की कमान मुकुंद नरवाणे ने संभाली
तीन साल तक देश की सेना के प्रमुख रहने के बाद जनरल बिपिन रावत रिटायर हो गए उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे ने देश के नए सेना प्रमुख के रूप में कमान संभाल ली है | वहीं बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की जिम्मेदारी संभालेंगे | थल सेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्ति के ठीक एक दिन पहले सरकार ने जनरल बिपिन रावत को सीडीएस नियुक्त किए जाने का एलान किया |
जनरल बिपिन रावत के सीडीएस बनने के बाद उनकी भूमिका तीनों सेनाओं और सरकार के बीच समन्वयक की रहेगी | सीडीएस का कार्यकाल तीन साल का होगा | सीडीएस पद सृजित किए जाने के बाद से ही जनरल बिपिन रावत को पहला सीडीएस बनाए जाने की चर्चा थी | सरकार ने सीडीएस के लिए अधिकतम उम्र सीमा को बढ़ाकर 62 से 65 साल कर दिया था | कारगिल युद्ध के बाद से ही सैन्य क्षेत्र में इस तरह के पद की मांग उठ रही थी | उस समय रिपोर्टों में यह सामने आया था कि सेनाओं के बीच समन्वय की कमी के कारण युद्ध में ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा था | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 15 अगस्त को यह पद सृजित करने का एलान किया था और 24 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई | जनरल बिपिन रावत के नाम कई उपलब्धियां हैं | बतौर सेना प्रमुख उन्होंने सैन्य सुधारों की दिशा में कई कदम उठाए | जम्मू-कश्मीर में सीमापार आतंकवाद से निपटने के लिए उन्होंने आक्रामक रणनीति अपनाई | पाकिस्तान और चीन से लगी नियंत्रण रेखा और पूर्वोत्तर में उन्होंने कई सैन्य अभियानों में भूमिका निभाई है | जनरल रावत कांगो में एक मल्टीनेशनल बिग्रेड की कमान भी संभाल चुके हैं | सीडीएस की भूमिका रक्षा व इससे जुड़े मामलों में प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री के एकीकृत सलाहकार की होगी | इसके लिए रक्षा मंत्रालय में \"डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स\" के नाम से नया विभाग गठित होगा और सीडीएस इसके सचिव होंगे | यह विभाग केवल सैन्य क्षेत्र से जुड़े मामले देखेगा | सीडीएस का उद्देश्य सेनाओं को ट्रेनिंग, स्टाफ व अन्य अभियानों के लिए एकीकृत करना होगा |