15 वें से 21 वे नंबर खसक गया छत्तीसगढ़
नीति आयोग ने 16 मापदंडों के आधार पर देश के 28 राज्यों का एसडीजी इंडेक्स 2019 जारी किया | इनमें से 15 मानकों पर छत्तीसगढ़ को परखा गया है इनमें से चार में राज्य का प्रदर्शन बेहतर माना गया है | वहीं, पांच सेक्टर में स्थिति ठीक बताई गई है, जबकि छह सुधार की गुंजाइश है | हालांकि 2018 की तुलना में इस वर्ष राज्य की ओवर ऑल रैकिंग में कमी आई है |
नीति आयोग की रैंकिंग में पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ 15वें स्थान पर था, इस बार छह अंक फिसल कर 21 पर आ गया है | पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश और ओडिशा की स्थिति यहां से ठीक है, लेकिन बाकी पड़ोसी राज्य नीचे हैं | आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गरीबी के मामले में राज्य की स्थिति में बेहतर सुधार हुआ है | राज्य 21वें से 15वें स्थान पर आया है | इसके बावजूद इसमें सुधार की गुंजाइश बनी हुई है | स्वास्थ्य के मामले में बीते वर्ष की तुलना में राज्य को 10 अंक अधिक मिले हैं | लेकिन रैकिंग 21वें स्थान पर ही बनी हुई है | गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के मामले में एक स्थान के सुधार के साथ राज्य 19वें से 18वें स्थान पर आ गया है | इसके विपरीत लिंग अनुपात के मामले में राज्य तीसरे से फिसल कर सातवें स्थान पर चला गया है | अधोसरंचना विकास के मामले में भी 21 से 22 स्थान पर पहुंच गया है | छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य और कल्याण, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा, असमानता में कमी और सतत उपभोग और उत्पादन में सुधार की जरूरत बताई गई है | इस सूचि में मध्यप्रदेश और ओडिशा 15 वे | झारखंड- 26 वे उत्तर प्रदेश- 23 वे स्थान पर है | नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने विकास लक्ष्यों को लेकर जारी सूचांक पर चिंता व्यक्त करते कहा कि छत्तीसगढ़ बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है | इस बात को विकास लक्ष्यों में प्रदेश के 21 वें नंबर पर आना साबित करता है | उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की नियत और नीति सही नहीं है | यही कारण है कि प्रदेश का विकास थाम सा गया है | प्रदेश विकास क्रम में लगातार पिछड़ रहा है | जिसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं |