चप्पल के प्राचीन भारतीय डिजाइन बेच रही हैं कंपनियां
लाखों साल पहले से भारतीय सभ्यता ज्ञान -विज्ञान और फैशन की पुरोधा रही है | लोग जिसे अब आधुनिक बता रहे हैं यह भारत की संस्कृति का आदिकाल से हिस्सा रहा है |
भारतीय 900 साल पहले स्टाइलिश चप्पलें पहनते थे | भारतीय लोगों के प्राचीन डिजाइन अब कई कंपनियां बेच रही हैं | कई बार अज्ञानता में लोगों को यह कहते हुए सुनते होंगे कि आज विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है | हम नए फैशन को अपनाते हैं | मगर सच यह है कि आज भी हम प्राचीन काल के लोगों से ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाए हैं | आज भी हम वैसी ही सैंडल और चप्पल पहन रहे हैं, जो 900 साल पहले भारतीय पहना करते थे | ट्विटर पर इस बारे में जोर शोर से चर्चा हैं | ट्विटर पर अपनी बात को साबित करने के लिए वी गोपालन ने सैकड़ों साल पुराने एक भारतीय मंदिर की तस्वीर भी साझा की है | आप भी इन तस्वीरों को देखकर हैरत में पड़ जाएंगे | इसमें साफ देखा जा सकता है कि आज के समय में हम बड़े ब्रांड्स की जो चप्पल हम पहनते हैं, उसका डिजाइन वैसा ही है, जैसा प्राचीन भारतीय पहना करते थे | ट्विटर यूजर वी. गोपालन ने तमिलनाडु के एक प्राचीन मंदिर की तस्वीरों को शेयर किया है | इसमें देखा जा सकता है कि 900 साल पुरानी मूर्तियों में भारतीय जैसी सैंडल पहनते थे, वैसी ही आज की कई कंपनियां बनाती हैं |
इन तस्वीरों के साथ गोपालन ने लिखा है- सदियों पहले प्राचीन भारतीय पुरुष बहुत फैशनेबल थे | वे हजार साल पहले से सैंडल पहन रहे हैं , वही मॉडल जो बाटा इंडिया आज बेचता है | इस ट्वीट पर कई लोगों ने दूसरे भारतीय प्राचीन मंदिरों की तस्वीरों को भी शेयर किया और लिखा कि प्राचीन काल में भारतीय महिलाएं भी हील वाली सैंडल पहनती थीं | एक ट्विटर यूजर ने कांची के कालीसनाथर मंदिर की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि 1400 साल पहले महिलाएं हील्स पहनती थीं | ये तस्वीरें हमारे गौरवशाली इतिहास का जीता जागता प्रमाण हैं | तमाम सभ्यताएं जब जन्म ले भी नहीं पाई थीं तब द्वापर और त्रेता में राम और कृष्ण के समय हमारे सैनानी जूते -चप्पल या सिर्फ रथ का ही इस्तेमाल नहीं करते थे | वे आज जैसे आधुनिक समाज में थे उनके पास आग्नेय अस्त्र यानि मिसाइलें और शानदार एविएशन सिस्टम था | हवाई जहाज का दुनिया में सबसे पहला उदाहरण राम के जमाने में ही सामने आया था | तब रावण और उसके बाद राम और फिर विभीषण ने पुष्पक विमान का उपयोग किया |