केंद्र के रोड ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बिल पर मप्र को आपत्ति
केंद्र सरकार द्वारा आगामी लोकसभा सत्र के दौरान लाए जाने वाले रोड ट्रांसपोर्ट एवं सेफ्टी बिल 2014 के कई प्रावधानों पर राज्य सरकार ने आपत्ति दर्ज कराई है। बिल में केंद्र तथा राज्य में अलग-अलग प्राधिकरण गठित करने, सभी प्रकार के वाहन परमिट जारी करने के अधिकार प्राधिकरण को सौंपने, केंद्र और राज्य के प्राधिकरण में नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा किए जाने, राज्य प्राधिकरण के अध्यक्ष को उच्च न्यायालय की जांच पश्चात हटाए जाने के मामले में राज्य सरकार केंद्र के समक्ष स्वयं मंत्री और मुख्यमंत्री अपनी आपत्तियां दर्ज कराएंगे। वैसे इस आशय का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा जा चुका है। इसमें सुधार के लिए भी राज्य सरकार ने कई सुझाव केन्द्र को भेजे हैं। केन्द्र सरकार द्वारा लाए जा रहे रोड ट्रांसपोर्ट एवं सेफ्टी बिल 2014 के कई प्रावधानों से राज्य सरकार सहमत नहीं है। केन्द्र जो बिल लेकर आ रही है, उसमें महत्वपूर्ण मुद्दा सड़क परिवहन पूरी तरह से केंद्र सरकार के अधीन होगा, इसके संचालन के लिए केंद्र स्तर पर दो स्वायत्त प्राधिकार स्थापित होंगे। राष्ट्रीय प्राधिकरण और राज्य प्राधिकरण में अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार केंद्र सरकार का होगा, केंद्र के प्राधिकरण को जहां धारा 12, 13 एवं 15 में अधिकार दिए जाएंगे, वहीं राज्य के प्राधिकरण को मात्र धारा 30 में अधिकार दिए गए हैं। यानी राज्य का प्राधिकरण केन्द्रीय प्राधिकरण के अधीनस्थ काम करेगा और सड़क परिवहन से संबंधित सभी नियमन के अधिकार राष्ट्रीय प्राधिकरण को सौंपे जाएंगे।