शाहपुरा तालाब से हटेंगे अतिक्रमण
शाहपुरा तालाब किनारे नियमों को ताक पर रखकर किए निर्माण, तालाब की सुंदरता सहित उसकी सुरक्षा के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। क्षेत्र के रहवासियों का कहना है कि झील के किनारे लेक पैलेस, आम्रपाली और ओएसिस कई ऐसी कॉलोनियों का निर्माण किया गया है। इनमें से कुछ कालोनियों का ज्यादातर हिस्सा झील का कैचमेंट तो दूर की बात है ठीक किनारे बनी हुई हैं। नगर निगम प्रशासन को यह सब नजर नहीं आ रहा है, कारण कि इन कॉलोनियों में ऐसे निगम के ही कुछ अधिकारी, मातहत, रिश्तेदार और करीबी निवासरत हैं, जिसके चलते शासन प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। लोगों का कहना है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सख्त आदेश के बाद भी शाहपुरा तालाब के किनारे बनी कॉलोनियों और मकानों का सीवेज सीधा झील में ही छोड़ा जा रहा है। झील में कालोनियों और घरों का सीवेज कचरा सीधे फेंके जाने की जानकारी संबंधित अधिकारियों को होने के बाद भी नगर निगम प्रशासन झील को प्रदूषण से बचाने के लिए सख्ती नहीं बरत रहा है। जानकारों का कहना है कि तालाब में सीधे सीवेज छोड़े जाने के कारण यह तेजी से प्रदूषित होती जा रही है। इसके अलावा लोग घरों से निकलने वाला दैनिक कचरा भी तालाब में डाल रहे हैं। तालाब किनारे बनाए गए मकानों से निकलने वाले सीवेज के आउटलेट की जांच कर झील में मिलने से रोकना चाहिए।