केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत
नागरिकता संशोधन एक्ट के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई | सर्वोच्च अदालत ने इस प्रक्रिया पर तुरंत किसी भी तरह की रोक लगाने से इनकार कर दिया | इसके साथ ही इस मामले पर दर्ज याचिकाओं को सुनने के लिए संविधान पीठ का गठन किया जा सकता है| केंद्र सरकार को अब इस मामले पर जवाब देने के लिए चार हफ्ते का वक्त मिला है और पांचवें हफ्ते में अब चीफ जस्टिस की बेंच इस मसले को सुनेगी | सुप्रीम कोर्ट ने CAA पर कुल 144 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया |
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लगी 140 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई | चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने इन याचिकाओं की सुनवाई की| बेंच में जस्टिस एस अब्दुल नजीर और संजीव खन्ना भी हैं | बेंच ने केंद्र को इन याचिकाओं को लेकर नोटिस जारी किया था | सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल ने नई 84 याचिकाओं को लेकर जवाब देने के लिए कोर्ट से 6 हफ्ते का वक्त मांगा | सरकार का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने सरकार को नई याचिकाओं पर जवाब देने के लिए 4 हफ्ते का समय तय किया है | इस मामले से जुड़ी कोई भी नई याचिका स्वीकार नहीं की जाएगी | वहीं कपिल सिब्बल ने कहा कि CAA को रद्द किया जाए, अगर ऐसा नहीं हो सकता है तो इसे दो महीने के लिए निलंबित किया जाए | इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस कानून को रद्द नहीं कर सकते हैं | निलंंबित करने को भी रोक लगाना माना जाएगा | ऐसा हम नहीं कर सकते हैं | सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन एक्ट के मसले को संविधान पीठ के हवाले करने के संकेत दिए हैं| अब चार हफ्ते के बाद इस मसले पर सुनवाई होगी, जिसमें पीठ का गठन किया जाएगा. | सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी कि कोई हाई कोर्ट नागरिकता संशोधन एक्ट पर कोई सुनवाई ना करे | इसपर कोर्ट ने आदेश दिया है कि कोई भी हाई कोर्ट इस मसले पर सुनवाई नहीं करेगी. |