आपदा प्रभावित किसानों की राहत राशि में वृद्धि
मध्यप्रदेश में प्राकृतिक आपदा में हुई फसलों की क्षति तथा पालतू पशु पक्षियों की मृत्यु पर राहत राशि बढ़ायी गयी है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने संभागीय आयुक्तों, कलेक्टरों को निर्देश दिये कि वे ओला प्रभावित किसानों को बढ़ी हुई राहत राशि तत्काल उपलब्ध करायें। वे भोपाल मंत्रालय में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कमिश्नर, कलेक्टर से चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने आज पाँच जिलों में ओला प्रभावित गाँवों का दौरा किया और किसानों से चर्चा की। ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव, मुख्य सचिव आर.परशुराम और विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।उल्लेखनीय है कि हाल ही में ओलावृष्टि से 31 जिलों के 2 लाख 48 हजार किसानों कि फसलों को नुकसान हुआ है। फसल नुकसान का प्रारंभिक आंकलन 893 करोड़ रूपये है।मुख्यमंत्री ने पशुओं की क्षति होने पर 16 हजार 500 रूपये राहत राशि देने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्याज आलू मसाले और ईसबगोल के नुकसान पर भी 25 हजार प्रति हेक्टेयर राशि दी जायेगी।पहले इसबगोल राजस्व पुस्तक परिपत्र में शामिल नहीं थी। बढ़ी राहत राशि फरवरी 2013 से प्रभावी मानी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन किसानों की पूरी फसलें खराब हो गई हैं यदि वे चाहे तो उन्हें अगले चार माह के लिये बीपीएल दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जायेगा। मुख्यमंत्री ने संभागायुक्तों और कलेक्टरों को इसके लिये व्यवस्थाएँ करने के निर्देश दिये हैं।मुख्यमंत्री ने गेहूँ, चना आदि फसलों के 50 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान होने पर 15 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से राहत देने के निर्देश दिये हैं। ऐसे किसानों को राहत के लिये उनका अल्प कालीन ऋण मध्यकालीन ऋण में बदला जायेगा।मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों और कमिश्नरों को राहत वितरण के लिये समय बद्ध कार्यक्रम बनाने के निर्देश देते हुये कहा कि फसल नुकसान का सर्वेक्षण जल्दी पूरा करें और प्रकरण बनाये। उन्होंने बताया कि ओला प्रभावित क्षेत्रों के किसानों के बिजली बिल माफ कर दिये गये हैं। राहत राशि वितरण में तेजी लाने के लिये तहसीलदारों के माध्यम से वितरण की व्यवस्था की जा रही है। अब तक प्रभावित जिलों को 169 करोड़ रूपये की राहत राशि जारी की जा चुकी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि सब्जियों को हुये नुकसान का आंकलन कर राहत राशि जारी की जाये। पान की फसल के नुकसान में 30 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर राहत राशि देने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने गर्मी के मौसम में ली जाने वाले सफलों के तैयारी के संबंध में और पर्याप्त बीज उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। श्री चौहान ने कहा कि प्रभावित किसानों को तीसरी फसल के लिये मानसिक रूप से संबल और सहयोग देने की आवश्यकता है। फसल नुकसान एक संवेदनशील विषय है। राज्य सरकार किसानों साथ खड़ी है।मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रभावित किसानों को ज्यादा से ज्यादा राहत दिलाने के लिये कृषि बीमा योजना का पूरा लाभ दिलायें और उनके बीमा प्रकरण बनाने का काम पूरी प्रशासनिक दक्षता के साथ करे। उन्होंने हरदा जिले का उदाहरण देते हुये कहा कि प्राथमिक दक्षता और सतर्कता के कारण किसानों को 130 करोड़ रूपये की कृषि बीमा राशि उपलब्ध हुई। यह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि फसल कटाई प्रयोग की प्रतीक्षा न करते हुये प्रभावित खेतों का फोटो ग्राफी और वीडियोग्राफी करें ताकि कृषि बीमा की लेने का दावा मजबूत हो। इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिता के साथ पूरा करने के निर्देश दिये।