आयुर्वेदिक अस्पतालों में होगा स्वर्ण प्राशन संस्कार
बच्चों को पोलियो से बचाने के लिए दो बून्द जिंदगी की दीं जाती हैं | . वहीँ अब इन बच्चों के दिमाग को तेज बनाने के लिए इन्हें स्वर्ण प्राशन करवाने की तैयारी है | ऐसा करने से बच्चों की मेधा जाग्रत होती है और उनकी शारीरिक व मानसिक क्षमता बढ़ती है |
सब कुछ ठीक रहा तो सरकार जन्म से 5 साल तक के बच्चों स्वर्ण प्राशन संस्कार करवाएगी | पाल्स पोलियो की \'दो बूंद जिदंगी की\' तर्ज पर स्वर्ण प्राशन होगा | सभी आयुर्वेद अस्पतालों में स्वर्ण प्राशन संस्कार किया जाएगा | इस संस्कार में सोने की पतली रॉड को गरम करके पानी में डुबो दिया जाता है | इसके बाद इस पानी की दो-दो बूंद बच्चों को पिलाई जाती है | आयुर्वेद में ऐसा माना गया है कि इससे बच्चों की शारीरिक व मानसिक क्षमता बढ़ती है ... साथ ही उनमें बीमारियों से लड़ने की ताकत आती है | आयुष विभाग के सचिव ,सह आयुक्त एमके अग्रवाल ने आयुष विभाग की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए हैं | ऐसा होने से मध्यप्रदेश के तमाम बच्चों को बाड़ा लाभ होगा | आयुर्वेदाचार्य मानते हैं ये सरकार का बहुत ही सराहनीय कदम होगा और ये बच्चों में विलक्षण परिणाम लाकर देगा |
सरकार की मंशा है कि मध्यप्रदेश के सभी आयुष औषधालयों में कम से कम 15 औषधीय पौधों वाला गार्डन बनाया जाए | इसके अलावा अस्पतालों में दवाओं की कमी न हो इसके लिए बीमारियों के लिहाज से दवाओं की जरूरत का अनुमान लगाने को कहा है .| दूसरे चरण में 45 नए आयुष ग्राम बनाने को कहा है | इसके पहले 30 आयुष ग्राम बनाए गए हैं | इन ग्रामों में हर व्यक्ति का हेल्थ कार्ड तैयार किया जाता है | इस आधार पर उनकी डायबिटीज, ब्लड प्रेशर आदि की नियमित जांचें की जाती हैं |