छात्राओं से शौचालय के लिए ढुलवाया जाता है पानी
छिंदवाड़ा मॉडल की पोल खोलते शासकीय स्कूल
एंकर - मुख्यमंत्री कमलनाथ जी | आईफा अवार्ड प्रदेश में करवाकर पता नहीं आप प्रदेश को कौन सी उचाईयां पर ले जा रहे हैं .... मगर शायद प्रदेश के लिए बेहतर ये हों की उन उचाईयों से नीचे आकर आप जमीनी हकीकत को देखे | छिंदवाड़ा मॉडल की तर्ज पर मध्यप्रदेश का विकास करने की बात कहकर आप सत्ता में तो आ गये | मगर सरकार आपके मॉडल छिंदवाड़ा के ही हाल ख़राब हैं | कमलनाथ के मॉडल छिंदवाड़ा में कल का भविष्य गढ़ने वाले स्कूली छात्रों के शासकीय स्कूल में पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं हैं | और ना ही बच्चों के लिए कोई सुविधा ही हैं | सुनिए कमलनाथ जी | अब इससे ज्यादा शर्मनाक बात क्या होगी की स्कूल की छात्राओं से शौचालय के लिए पानी ढुलवाया जा रहा | तस्वीरें कभी झूठ नहीं बोलती | शासकीय स्कूलों की ये तस्वीरें मुख्यमंत्री कमलनाथ के छिंदवाड़ा विकास की पोल खोल रही है |
मुख्यमंत्री कमलनाथ जी आइये आपको दिखाते है | छिंदवाड़ा मॉडल की कुछ तस्वीरें | ये आपके विकास की कहानी कहती हैं | ये तस्वीरें आपके छिंदवाड़ा के परासिया के दरबई गाँव मे शासकीय स्कूल की हैं | ये आपके आईफा की चकाचौंध से बिलकुल उलट हैं | हालात बेहद गम्भीर हैं | मुख्यमंत्री जी आप छिन्दवाड़ा जिले को शिक्षा के क्षेत्र में ऊँचा बताते है | लेकिन तस्वीरें तो कुछ और ही बयान कर रही हैं | यहाँ के शासकीय स्कूल में शिक्षक यदा कदा ही मिलते है | पढ़ाई के नाम पर बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है | पढ़ने आये बच्चों से शौचालय के लिए पानी ढुलवाया जा रहा| अब आप सुनिए की स्कूल में पढ़ने वाली तीसरी कक्षा की छात्रा क्या कह रही हैं |
सुना आपने तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली राजनंदनी कह रही हैं की | नागवंशी मेडम रोजाना संडास के लिए पानी ढुलवाती है |
अब देखिये शिक्षकों के हाल | इनमे भी बच्चों को पढ़ाने में ज्यादा रूचि दिखाई नहीं देती | शिक्षक आयेदिन स्कूल से गायब रहते है | और पूछने पर पता चला की वे शादी समारोह में गए है | अब प्रदेश में स्कूलों की शिक्षा का क्या स्तर हैं यह तस्वीरें देख कर साफ़ समझ आता हैं | बच्चों की पढ़ाई से ज्यादा शिक्षकों का शादी में जाना ज्यादा जरूरी है |
अब - जब इस बारे में अधिकारी से बात की गई तो | अधिकारी ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया की उन्हें इस बारे में ज्यादा जानकारी ही नहीं है | जब अधिकारी को समस्या भी बता दी | तो उनका जवाब सुनकर आप भी हैरान हो जायेंगे | उन्हेने बड़ी ही मासूमियत से जवाब दे दिया की स्वच्छता के तहत यह कार्य किया जा रहा होगा | अब सवाल यह है की बच्चे पढ़ने आते हैं या स्वच्छता के नाम पर शौचालय के लिए पानी ढोने | अब आप ही बताईये की बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार कहाँ तक सही है | हालाँकि अधिकारी ने शिक्षक की गैरमौजूदगी में कार्य करवाए जाने की आलोचना भी की | और जांच कराने की भी बात कही | मुख्यमंत्री कमलनाथ जी और शिक्षा मंत्री प्रभु राम चौधरी जी | जरा फ़िल्मी सितारों की जगमगाती दुनिया से बहार आकर आपने राज्य में बच्चों का भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोकिये | नहीं तो जैसे इनका भविष्य अंधकार में हैं वैसे की कही आपकी सरकार का भविष्य भी अन्धकार की ओर ना चला जाए |