इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और निर्माण में देश का सबसे बड़ा केन्द्र बनेगा एमपी
अमेरिकी कंपनी स्थापित करेगी 6000 करोड़ रूपये लागत का फेब्रिकेशन प्लांटइलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम और निर्माण में मध्यप्रदेश देश का सबसे बड़ा केन्द्र बनने जा रहा है। अब प्रदेश में ही अत्याधुनिक तकनीकी से माइक्रो चिप बनने लगेगी। प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक फेब प्लांट की स्थापना के बाद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में लगने वाली माइक्रो चिप आयात नहीं करना पड़ेगी। इससे विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा।प्रदेश में एनालॉग सेमीकण्डक्टर इकाई के लिये मंत्रालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में अमेरिका की कंपनी मेसर्स क्रिकेट सेमीकण्डक्टर और मध्यप्रदेश शासन के बीच एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर हुए। राज्य शासन की ओर से सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी हरिरंजन राव और अमेरिकन कंपनी के सी.ई.ओ. श्री लाउ हटर उपस्थित थे।अमेरिकी कंपनी प्रदेश में छह हजार करोड़ रुपये लागत से सेमीकण्डक्टर फेब्रीकेशन इकाई की स्थापना करेगी। उल्लेखनीय है कि एनालॉग सेमीकण्डक्टर फेब्रीकेशन नीति बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। हाल ही में मुख्यमंत्री श्री चौहान की अमेरिका यात्रा के दौरान मध्यप्रदेश की निवेश मित्र नीतियों से प्रभावित होकर कई अमेरिकी कम्पनियों ने प्रदेश में निवेश करने का प्रस्ताव दिया है। मेसर्स क्रिकेट सेमीकंड्क्टर्स कंपनी के आगमन के साथ ही निवेश की शुरूआत हो गई है।क्या है आई.सी.सेमीकण्डक्टर फेब में निर्मित इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी) लगभग प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में इस्तेमाल किया जाता है। मोबाइल फोन, टेलीफोन उपकरण, औद्योगिक तथा स्व-चलित प्रोसेस कंट्रोल उपकरण ऑटोमोबाईल एवं हवाई जहाज के उपकरण, डिफेंस एवं चिकित्सा, स्मार्ट कार्ड आदि में चिप का उपयोग होता है।प्रदेश में सेमीकण्डक्टर फेब्रिकेशन के क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना होने से इस क्षेत्र में तेजी से विकास होगा। फेब इकाई के आसपास इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्माण की अन्य इकाईयाँ स्थापित होगी जैसे फेबलेस डिजाइन कम्पनियाँ, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद इकाईयाँ/इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण सेवा, एसेम्बली और टेस्टिंग इकाईयाँ आदि। इन सहायक इकाईयों में रोजगार निर्माण कई गुना अधिक होगा और इलेक्ट्रॉनिक निर्माण क्षेत्र का तेजी से विस्तार होगा।राज्य की ओर से सहयोगक्रिकेट सेमीकंडक्टर्स को टोकन एक रुपये लेकर भूमि, बिल्डिंग शेल निर्माण की लागत, इकाई की आवश्यकतानुसार जल, विद्युत आपूर्ति, सीवेज, रासायनिक आग बुझाने की क्षमता वाला अग्निशमन केंद्र, व्यवस्था, परिवहन हेतु हवाई अड्डे तक सड़क, फ्री ट्रेड झोन आदि उपलब्ध करवाये जायेंगे। इसके अलावा इकाई को इस उद्योग के लिये आवश्यक दक्षता विकास एवं संवर्धन हेतु विशेष सहायता, स्टॉम्प ड्यूटी रियायत, श्रम कानूनों में छूट, प्रवेश कर में छूट एवं सिंगल विंडो की सुविधा भी प्राप्त होगी।इस अवसर पर मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा एवं इंडिया एलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) के अध्यक्ष अशोक चांडक विशेष रूप से उपस्थित थे।