प्रताड़ना से दुखी होकर निलंबित करने का निवेदन
होशंगाबाद जिले के डोलरिया में पदस्थ तहसीलदार देवानंद गजभिये ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए खुद को निलंबित करने के लिए राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा | तहसीलदार का कहना है कि मुझे वेतन नहीं मिल रहा है, सात माह से परेशान हूं | अगर मुझे निलंबित कर दिया जाएगा तो जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा, जिससे मैं परिवार का खर्च चला सकूं |
सिस्टम से परेशान तहसीलदार ने आला अधिकारीयों से खुद को निलंबित करने की मांग की है | इधर संभाग आयुक्त रजनीश श्रीवास्तव का कहना है कि शिकायत क्या है पता कर रहे हैं | तहसीलदार गजभिये ने प्रमुख सचिव राजस्व को 8 फरवरी को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि शासन के आदेश पर 7 माह पूर्व होशंगाबाद में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई थी | इसके बाद बच्चे का एडमिशन भी करवा दिया था | लेकिन 15 दिन में उनका तबादला कर दिया गया | वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी पीड़ा बताई, लेकिन किसी ने नहीं सुनी | इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय की शरण ली | न्यायालय ने उनके पक्ष में आदेश देते हुए राहत दी | लेकिन जिला प्रशासन ने कोई राहत नहीं दी गई | ना ही कोई स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए |
गजभिये का आरोप है कि नियम विरुद्ध उनकी जगह आलोक पारे को पदस्थ कर दिया गया | प्रशासन वेतन का भुगतान नहीं कर रहा है, जिससे वह आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं | तहसीलदार ने पत्र में प्रमुख सचिव से गुहार लगाई है कि उन्हें निलंबित कर दिया जाए, ताकि जीवन निर्वाह भत्ता मिल सके
उन्होंने प्रताड़ित करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुसूचित जाति निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग भी की है |