सापों को बचाने वाले की सांप के काटने से मौत
 MAUT

घर से रेस्क्यू कर रहे जहरीले सांप ने डंसा हुई मौत  

 

कहते हैं सांपो से दोस्ती नहीं की जाती  | क्यूंकि उनकी फितरत डसने की होती हैं   |  ये बात सच साबित हो गई  |  जब हजारों सांपो को रेसक्यू करके जान बचने वाले स्नेक कैचर को अपनी जान गावनि पड़ी  |  उसे अंदाजा भी नहीं था की जिस सांप को भीड़ से बचा कर वो जंगल में छोड़ने जाना चाहता हैं   वो ही उसे डंस लेगा |  उसकी मौत का कारण बनेगा  | 

 सांपों की जान बचाते - बचाते एक दिन यही सांप उसकी जान के दुश्मन बन जायेंगे ये सांप पकड़ने वाले प्रेम ठाकुर ने कभी नहीं सोचा होगा  |  सैंकडो सांपों की जान बचाने वाले प्रेम ठाकुर को नही पता था |  कि एक दिन उसे किसी सांप से दोस्ती की इतनी बडी कीमत चुकानी होगी | आपको बता दे की हुआ क्या हैं  | दरअसल लौह नगरी बचेली मे सांप के काटने से एनएमडीसी कर्मी प्रेम ठाकुर की इलाज के दौरान जान चली गई  | एनएमडीसी में कार्यरत प्रेम ठाकुर बचेली के एक मात्र स्नेक कैचर था |  जो घरों या सार्वजनिक स्थलों में मिलने वाले सांपो को पकड़कर जंगल मे छोड़ दिया करता था  | और जीव रक्षा का ये काम प्रेम निःशुल्क करता था  |  ऐसे ही आरईएस कॉलोनी से फोन पर किसी घर मे जहरीले सांप के होने की सूचना मिली  | प्रेम अपने दोस्तो और सांप पकड़ने के उपकरणों को छोड़ सीधे बताए गए घर में जा पहुंचा  | ने कहा मार देते हैं | प्रेम ने कहा नहीं मारेंगे उसे जंगल मे छोड देंगे. | और सांप को काबू कर लिया  |  मगर जब वो  थैले में सांप को डाल रहा था  |  उस वक्त गुस्साए सांप ने प्रेम की उंगलियों में अपने दाँत गड़ा दिए |  रसल वाइपर जैसे जहरीले सांप के दंश से बेहाल प्रेम खुद इलाज करवाने अपोलो अस्पताल पहुंचा  |  चिकित्सको ने उसे तुरंत एंटीवेनम दिया मगर उसे बचा नही पाए  |   जानकारों के मुताबिक रसल वाइपर दुनिया के सबसे जहरीले सांपो में से एक है  | प्रेम को सांप ने जिस उंगली में काटा था  | उस उंगली की नस का सीधा संपर्क दिमाग और दिल से होता है    | इसी वजह से जहर तेजी से मस्तिष्क और हृदय में फैल गया  | जिससे प्रेम की मौत हो गई  | पुलिस ने मर्ग कायम कर मृतक का पोस्टमार्टम होने के बाद शव  परिजनों को सौंप दिया हैं |