दिग्विजय सिंह नाथूराम गोडसे और ग्वालियर की पिस्टल
Godses Pistol

दिग्विजय  का ट्वीट गोडसे को ग्वालियर से  मिली थी पिस्टल

 

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया, आएसएस और भाजपा पर ट्वीटर के जरिए निशाना साध रहे हैं  | दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट कर कहा है कि महात्मा गांधी को मारने के लिए नाथूराम गोडसे ने जिस रिवाल्वर का इस्तेमाल किया उसे ग्वालियर के परचुरे ने ही उसे दी थी |  परचुरे कौन था इस बारे में थोड़ा और रिसर्च करने की जरूरत है |  दिग्विजय ने ट्वीट में जिस परचुरे का नाम लिया है उनका पूरा नाम डॉ. डीएस परचुरे था, वो ग्वालियर में एक हिंदू संगठन के प्रमुख थे | 

गाँधी जी के हत्यारे को पिस्टल ग्वालियर के परचुरे से मिली थी|  दिग्विजय सिंह ने यह ट्वीट कर सिंधिया परिवार पर निशाना साधने की कोशिस की है  ...  बताया जा रहा है कि डॉ. परचुरे ने अपने एक परिचित के जरिए पिस्टल का सौदा नाथूराम गोडसे से करवाया थे और  राममंदिर के पास  500 रुपए में पिस्टल उपलब्ध करवाई थी  | इसके बाद उसने स्वर्ण रेखा नदी के किनारे दस दिनों तक फायरिंग की प्रैक्टिस भी की, इसके बाद वो महात्मा गांधी को मारने के लिए दिल्ली रवाना हो गया |  उस दौरान  सिंधिया रियासत में बंदूक या पिस्टल खरीदने के लिए किसी लाइसेंस की जरूरत नहीं होती थी, इसलिए गोडसे ने ग्वालियर को ही चुना था | विदेशी पिस्टल ग्वालियर कैसे पहुंची इसकी भी एक रोचक कहानी है, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सिंधिया की सेना के कमांडर लेफ्टीनेंट जनरल वीबी जोशी के साथ सैनिकों को अबीसीनिया में तैनात किया गया था |  इस दौरान मुसोलिनी की सेना ने इसके सामने सरेंडर किया था, हथियारों में उन्होंने एक 9एमएम की बरेटा पिस्टल भी दी थी |  यही पिस्टल सिंधिया की सेना के कमांडर जोशी अपने साथ ग्वालियर ले आए थे  | इसके बाद ग्वालियर के ही जगदीश गोयल ने कमांडर जोशी के परिवार से पिस्टल को खरीद लिया था |  फिर कुछ समय बाद उसने यह नाथूराम गोडसे को बेच दी थी  |